डीएनए हिंदी: सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया को टाटा के हाथों में सौंपने का समय आ गया है. कर्ज में डूबी एयर इंडिया आज यानी कि 27 जनवरी को टाटा ग्रुप को सौंप दी गई. इस डील की बाकी बची हुईं औपचारिकताएं टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन (N. Chandrasekaran) की अगुवाई में पूरी कर ली गईं. इस सिलसिले में एन. चंद्रशेखरन (N. Chandrasekaran) केंद्र सरकार के प्रमुख अधिकारियों से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे जहां उन्होंने एयर इंडिया हाउस में अधिकारियों से मुलाकात की. इस दौरान DIPAM सचिव और सिविल एविएशन सचिव भी मौजूद रहे.
कर्मचारियों से की थी चर्चा
खबर के मुताबिक बयान में कहा गया था कि 20 जनवरी को क्लोजिंग बैलेंस शीट और 24 जनवरी को उपलब्ध कराई जानी है ताकि टाटा की तरफ से इसकी समीक्षा की जा सके और बुधवार को कोई भी बदलाव किया जा सके. इसे वित्त निदेशक विनोद हेजमादी ने कर्मचारियों को भेजा था. विज्ञप्ति में आगे लिखा गया है- अगले तीन दिन हमारे विभाग के लिए व्यस्त होंगे और मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि हम विनिवेश से पहले इन आखिरी तीन-चार दिनों में अपना बेस्ट दें. हमें दिए गए काम को पूरा करने के लिए देर रात तक काम करना पड़ सकता है.
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#FlyAI : Air India Limited, Air India Express & AISATS (AI stake) have become part of the Tata Group today.
— Air India (@airindiain) January 27, 2022
Senior Officials of @TataCompanies , @SecyDIPAM and @MoCA_GoI met at Airlines House New Delhi. pic.twitter.com/HA4aEkVwWX
पिछले साल टाटा ने जीती थी बोली
दरअसल, टाटा ग्रुप ने पिछले साल 8 अक्टूबर को एयर इंडिया की बोली जीत ली थी. जिसके बाद टैलेस प्राइवेट लिमिटेड (Talace Private Limited) को आज एयर इंडिया का 100% शेयर सौंप दिया गया. यह टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है. बता दें कि यह डील 18,000 करोड़ रुपये में हुई थी. इसके बाद 25 अक्टूबर 2021 को केंद्र ने इस सौदे के लिए SPA पर हस्ताक्षर किए थे. एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, मंगलुरु और तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं और बेंगलुरु हवाई अड्डे पर कार्गो हैंडलिंग सेवाएं प्रदान करने के व्यवसाय में लगी हुई है. टाटा संस (Tata Group buys Air India) की सहायक कंपनी टैलेस विनिवेश प्रक्रिया के तहत राष्ट्रीय वाहक के लिए सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले के रूप में उभरी थी. अपनी ओर से केंद्र ने 12,906 करोड़ रुपये का आरक्षित मूल्य निर्धारित किया था.
एयर इंडिया का लोगो संभाल कर रखना जरूरी
टाटा ग्रुप को एयर इंडिया (Air India) का मालिकाना हक मिलने के बाद नए मालिक को इससे जुड़े नाम और लोगो (Air India Logo) को अभी 5 साल तक संभाल कर रखना होगा. Air India के साथ टाटा संस (Tata Sons) को उसकी सब्सिडियरी एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) का भी मालिकाना हक हक मिलेगा. Air India Express सस्ती हवाई सेवाएं देती हैं.
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टाटा संस करेगा हैंडल
वहीं एयर इंडिया की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी AI-SATS में सरकार की पूरी हिस्सेदारी टाटा संस को ट्रांसफर होगी. एयर इंडिया का मालिक बनने के बाद अब Tata Sons के पास 3 एयरलाइंस हो गईं. टाटा संस के पास पहले से ही विस्तारा (Vistara)और एयर एशिया (AirAisa) में हिस्सेदारी है. इसी के साथ टाटा संस एविएशन सेक्टर (Aviation sector) की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है. अब टाटा संस के सामने एयर इंडिया को चलाने की बड़ी चुनौती होगी. एयर इंडिया को इस वक्त रोजाना 20 करोड़ का घाटा हो रहा है. मालूम हो कि घाटे की वजह से ही भारत सरकार को एयर इंडिया को बेचने का फैसला लेना पड़ा.
एयर इंडिया के ऊपर कितना कर्ज है
एयर इंडिया के ऊपर अगस्त 2021 तक 61 हजार 562 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है. 2007 के बाद से कंपनी लगातार घाटे में रही. अब एयर इंडिया को कर्ज और घाटे से उबारने की जिम्मेदारी टाटा संस की है. एयर इंडिया पर कब्जे के साथ ही टाटा ग्रुप को कर्जों के साथ विरासत में विमानों का विशाल बेड़ा और बड़ी संपत्ति भी मिल गई है.
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Air India हुई अब 'टाटा' की, अब एयरलाइन में होंगे बड़े बदलाव