डीएनए हिंदी: अक्सर छोटी गलती भी मोटा नुकसान करने के लिए काफी है. गुरुवार शाम को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के डेरिवेटिव सेगमेंट कुछ ऐसा ही देखने को मिला. जिसमें एक गलत Key दबने से ब्रोकिंग हाउस को 250 करोड़ रुपए तक गंवाने पड़ गए. ऐसी गलती को टेक्नीकल टर्म में Fat Finger Key कहा जाता है. देश में यह अब तक की सबसे बड़ी ट्रेडिंग मिस्टेक (Trading Mistake) कही जा रही है. वैसे इससे पहले भी इंटरनेशनल मार्केट में ऐसी गलती हो चुकी है, जिसकी वजह से अरबों रुपयों का नुकसान हो चुका है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है और फैट फिंगर की टर्म होता क्या है.
क्या है मामला
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को 2 बजकर 37 मिनट से 2 बजकर 39 मिनट के बीच एक ट्रेडर ने निफ्टी के कॉल ऑप्शंस के 25,000 लॉट को 14500 के स्ट्राइक पर 15 पैसे की कीमत पर बेच दिया. उस समय कॉन्ट्रैक्ट का मार्केट प्राइस 2,100 रुपये था. निफ्टी कॉन्ट्रैक्ट का प्रत्येक लॉट 50 नंबर का होता है. जानकारों की मानें तो ट्रेडर को 200 से 250 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. इससे कोलकाता के कम से कम दो ब्रोकर्स की लॉटरी लग गई. एक के खाते में 50 करोड़ और दूसरे के खाते में 25 करोड़ रुपये आए.
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देश की सबसे बड़ी ट्रेडिंग मिस्टेक
इसे देश की अब तक की सबसे बड़ी ट्रेडिंग मिस्टेक माना जा रहा है. माउस से गलत की दबाने से होने वाली गलती को फैट फिंगर ट्रेड कहते हैं. इस गलती से ट्रेडर को या तो भारी नुकसान होता है और दूसरे को काफी फायदा हो सकता है. करीब 10 साल पहले ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल के ट्रेडर को भी निफ्टी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स में गलत की दबाने Key वजह से करीब 60 करोड़ रुपये गंवाने पड़े थे.
लिया हुआ था इंश्योरेंस
एनएसई की ओर से अभी तक इस पूरे मामले में कोई ऑफिशियल बयान नहीं आया है. ने आधिकारिक रूप से इस घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. जानकारी के अनुसाउर गलती करने वाले ट्रेडर ने इंश्योरेंस लिया हुआ था तो उसके नुकसान की भरपाई होने में वक्त नहीं लगेगा. जब यह ट्रेड हुआ, उस समय निफ्टी 16,600 के लेवल पर ट्रेड कर रहा था. गुरुवार को निफ्टी 105 अंकों की तेजी के साथ 16628 अंक पर बंद हुआ. वैसे मार्केट प्लेयर्स इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि आखिर यह कैसे हुआ. ब्रोकिंग हाउसेज के अधिकारियों के अनुसार 2012 में हुई वाकये के बाद कई बोक्रिग हाउसेज ने इस तरह के ट्रेड को रोकने के लिए इन हाउस सिस्टम इंस्टॉल किया था.
कहते हैं फैट फिंगर
जानकारों के अनुसार माउस से मिसक्लिक होने या फिर कीबोर्ड पर गलत Key दबने की वजह से होने वाली गलती को फैट फिंगर ट्रेड कहते हैं. इसे एक उदाहरण से समझने का प्रयास करते हैं. अगर किसी ट्रेडर ने 1010 रुपये के भाव पर एक लाख शेयर बेचा है जबकि उस समय मार्केट प्राइस 1100 रुपये हे तो उसे 90 लाख रुपये का नुकसान होगा. यानी बेचने वाले को भारी घाटा होगा और दूसरे लोगों की चांदी हो जाएगी.
कहां-कहां चुका है नुकसान
- 2014 में एक जापानी एक्सचेंज में फैट फिंगर के कारण 600 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था.
- 2018 में डॉयचे बैंक में कई अकाउंट्स में गलत ट्रांसफर से 28 अरब डॉलर का नुकसान हुआ.
- देश में अक्टूबर 2012 में निफ्टी कॉन्ट्रैक्ट्स में फैट फिंगर के कारण एमके ग्लोबल के एक ट्रेडर को 60 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
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एक गलती और ट्रेडर के उड़ गए 250 करोड़ रुपये, जानिए पूरा मामला