डीएनए हिंदी: सुपरटेक के बाद अब लॉजिक (Logix) बिल्डर पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कार्यवाही करते हुए इसे दिवालिया घोषित कर दिया है. ऑपरेशनल क्रेडिटर कोलियर्स इंटरनेशनल (इंडिया) प्रॉपर्टी सर्विसेज द्वारा एक याचिका की अनुमति देने के बाद लगभग 2,700 होमबॉयर्स में से 1,100 से कम लोगों को अभी तक फ्लैट पर कब्ज़ा मिल पाया है. अन्य होमबॉयर्स अपने दावे दर्ज करने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.
कब लॉन्च किया गया था ब्लॉसम जेस्ट
ब्लॉसम जेस्ट (Logix Blossom Zest society) सेक्टर 143 में 2011 में लॉन्च किया गया था. इस परियोजना में लगभग 3400 यूनिट्स हैं. जहां 14 टावरों में 3.400 मात्र 2,718 फ्लैट बेचे गए हैं, जिनमें से नौ टावर अधूरे हैं. जिन मकान खरीदारों को कब्जा नहीं मिला है,वे नोएडा प्राधिकरण के डेवलपर के बकाया के कारण अपने अपार्टमेंट को पंजीकृत नहीं करा पाए हैं.
लॉजिक्स तीन डेवलपर्स वेव (Wave) और 3 सी (3C) में से एक था. होमबॉयर्स अभी भी अपने घरों की प्रतीक्षा में हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि परियोजना 6 साल से रुकी हुई है. हालांकि NCLT ने लॉजिक्स सिटी डेवलपर्स के खिलाफ जो कदम उठाया है उससे उन्हें समाधान की एक उम्मीद दिख रही है. बता दें कि लगभग 200 निवासियों के एक ग्रुप ने 2016 में यूपी-रेरा में बिल्डर के खिलाफ मामले दर्ज किए थे. कई मामलों में रिफंड का आदेश दिया गया था.
बिल्डर पर 500 करोड़ रुपये बकाया
लॉजिक्स सिटी डेवलपर्स के ऊपर नॉएडा अथॉरिटी का लगभग 500 करोड़ रुपये बकाया है. वहीं Collier International (India) Property Services कंपनी लॉजिक बिल्डर के खिलाफ NCLT पहुंची जिसके बाद NCLT ने IRP अप्वॉइंट किया. हालांकि NCLT ने बॉयर्स को 5 अप्रैल तक फाइनेंसियल क्रेडिटर्स डिटेल फाइल करने के लिए कहा है. होम बायर्स क्लेम फाइल करने के बाद COC यानि कमिटी और क्रेडिटर्स का पार्ट बनेंगे. इसके बाद IRP प्रोजेक्ट का विश्लेषण करेगा और प्रोजेक्ट पूरा करने का मसौदा तैयार करेगा. हालांकि लॉजिक्स कंपनी दिवालिया हुई है ग्रुप कंपनीज दिवालिया नहीं हुई है.
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