डीएनए हिंदी: देश में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वाले अनेकों जोखिम लिए हुए हैं. इसकी वजह यह है कि एक तरफ जहां अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी का भाव तेजी से गिर रहा है तो दूसरी भारत सरकार का रुख निवेशकों के लिए नकारात्मक है. इतने जोखिमों के बावजूद जिन लोगों ने निवेश किया भी है उनके निवेश पर अब टैक्स की अतिरिक्त मार भी पड़ने वाली है. भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पर भारी फीसदी टैक्स लगाने का ऐलान किया है. टैक्स के ये नए नियम 1 अप्रैल से लागू होंगे.
क्रिप्टो पर भी लगेगा टैक्स
दरअसल, मोदी सरकार ने 1 फरवरी को 2022-23 के लिए जो वित्तीय बजट पेश किया था उसमें पीएफ निवेशकों से लेकर होम लोन के नियमों में बदलाव किए गए हैं. इसके साथ ही एक सबसे बड़ा झटका उन लोगों को लगा है जिन्होंने क्रिप्टो में निवेश कर अच्छे रिटर्न्स की जुगत लगाई थी. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने ऐलान किया है कि क्रिप्टो में निवेश करने वालों को 30 फीसदी का टैक्स का चुकाना होगा.
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क्या है टैक्स का गणित
ऐसे में यदि कोई व्यक्ति क्रिप्टो मे 10,000 का निवेश करता है और उसे फिर इसे 12,000 में बेंच देता है तो इसमें उसका प्रॉफिट 2 हजार का होगा ऐसी स्थिति में उसे इस 2,000 पर तीस फीसदी का टैक्स देना होगा जिसकी कीमत 600 रुपये होगी. ऐसे में स्प्षट है कि यदि क्रिप्टो के निवेश से लेकर किसी भी प्रकार के लेन-देन में यदि किसी भी प्रकार का फायदा होता है तो उस पर सरकार को 30 फीसदी का टैक्स देना होगा.
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