डीएनए हिंदी: म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के निश्चित आय वाले उत्पादों से मई महीने में 32,722 करोड़ रुपये की निकासी हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बढ़ती मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये प्रमुख नीतिगत दर रेपो में वृद्धि (Repo Rate Hike) और उदार रुख को धीरे-धीरे वापस लेने की घोषणा के बाद निकासी बढ़ी है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले अप्रैल महीने में इसमें 54,656 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था. इसके अलावा इस साल अप्रैल और मई के बीच ‘फोलियो’ की संख्या भी 73.43 लाख से घटकर 72.87 लाख पर आ गई. 

इस वजह से निकाल रहे हैं रुपया 
बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान निवेश के लिहाज से बांड जैसे निश्चित आय वाले उत्पादों को सुरक्षित विकल्प माना जाता है. हालांकि, ब्याज दर में वृद्धि, वृहत आर्थिक परिवेश में उथल-पुथल और उच्च प्रतिफल से निवेशकों पर बांड बाजार में निवेश को लेकर रुख प्रभावित हो सकता है. मार्निंग स्टार इंडिया की वरिष्ठ विश्लेषक (शोध प्रबंधक) कविता कृष्णन ने कहा कि खाद्य वस्तुओं, जिंसों और फ्यूल की कीमतों में तेजी के साथ रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे कारणों से नीतिगत दर में वृद्धि हुई है. रिजर्व बैंक का जोर अब मुद्रास्फीति को काबू में लाने पर है. इससे नीतिगत दर में आगे और वृद्धि की आशंका है. 

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दो फंड को छोड़ सभी गिरावट
उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए ‘ओवरनाइट’ और ‘लिक्विड फंड’ (अल्पकालीन निवेश उत्पाद) जैसे कोष को छोड़कर बांड और इसी तरह के अन्य उत्पादों से पूंजी निकासी जारी है. एकल अंक में रिटर्न और इक्विटी जैसे अन्य क्षेत्रों में बढ़ती रुचि से भी बांड कोष में पूंजी प्रवाह प्रभावित हुआ है.’’ बजाज कैपिटल के मुख्य शोध अधिकारी आलोक अग्रवाल ने भी कहा कि पूंजी निकास का कारण आरबीआई का पिछले महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में अपने रुख में बदलाव है. 

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आरबीआई ने किया रेपो रेट मे इजाफा 
बिना तय कार्यक्रम के हुई बैठक में आरबीआई ने न केवल रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि की बल्कि नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत कर दिया. उन्होंने कहा कि चार मई को हुई बैठक में आरबीआई ने महंगाई को काबू में लाने के लिये उदार रुख को वापस लेने पर भी जोर दिया था. इससे निश्चित आय को तरजीह देने वाले निवेशकों पर असर पड़ा है. आंकड़ों के अनुसार, निश्चित आय से जुड़े 16 उत्पादों में से 12 में मई में पूंजी निकासी हुई. केवल ‘ओवरनाइट फंड, लिक्विड फंड’ और ‘गिल्ट फंड’ में पूंजी प्रवाह हुआ. 

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Investors withdrew Rs 32,722 crore from debt mutual funds in May due to repo rate hike
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Debt Mutual Fund निवेशकों ने मई में निकाला 32,722 करोड़ रुपये, जानें क्यों
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A new fund is coming to invest in the Defense Sector, understand the new planning of Mutual Fund companies
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Debt Mutual Fund निवेशकों ने मई में निकाला 32,722 करोड़ रुपये, जानें क्यों