डीएनए हिंदी: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने साफ संकेत दे दिए हैं कि उनका पूरा फोकस महंगाई (Inflation) को कम करने में है. जिसपर तेजी के साथ काम किया जा रहा है. उन्होंने ईटी को दिए इंटरव्यू में कहा कि जिस तरह के हालात देखने को मिल रहे हैं, उससे नहीं लगता है कि महंगाई कुछ समय में खत्म होने वाली है. इसके लंबे समय तक बने रहने के आसार दिखाई दे रहे हैं. वहीं उन्होंने यह बात भी जोर देकर कही कि देश में महंगाई दुनिया के बाकी विकसित देशों के मुकाबले कंट्रोल में हैं.
महंगाई बनी रह सकती है
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि जियो पॉलिटिकल ग्राउंड में अभी कोई पॉजिटिव नोट देखने को नहीं मिल रहे हैं. कोविड की स्थिति बेहतर है, लेकिन कुछ देश अभी भी गंभीर परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं. काफी अनिश्चितताएं हैं. स्थिति किसी भी दिशा में आगे बढ़ सकती है. जिसकी वजह से ऐसा लग रहा है कि महंगाई कुछ और समय तक बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि दुनिया के प्रत्येक केंद्रीय बैंक को स्थानीय स्थिति के आधार पर अपना फैसला लेना होता है.
यह भी पढ़ें:- CPI Inflation: कैसे की जाती है उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की कैलकुलेशन?
विकसित देशों के मुकाबले बेहतर है भारत की स्थिति
वहीं उन्होंने इस बात पर भी जोर देते हुए कहा कि भारत में महंगाई की स्थिति दुनिया के विकसित देशों के मुकाबले काफी बेहतर स्थिति में है. विकसित देशों में महंगाई का टारगेट 2 फीसदी है, जबकि मौजूदा समय में महंगाई की दर 6 या 7 या 8 फीसदी पर देखने को मिल रही है. विकसित देशों के लिए यह बड़ी चिंता का विषय है. भारत में महंगाई टॉलरेंस लेवल 6 फीसदी के मुकाबले 7.8 फीसदी है. आंकड़ों में साफ जाहिर है कि भारत की स्थिति बेहतर है. विकास के मोर्चे पर भी, भारत के अभी भी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने की संभावना है.
क्यों बढ़ रही है महंगाई
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि यूरोप में मौजूदा युद्ध को महंगाई को कायम रखा हुआ है. उन्होंने साफ है कि महंगाई अभी सप्लाई बाधा के कारण है. उन्होंने आगे कहा कि कुछ वैश्विक कारक हैं जो किसी एक देश के नियंत्रण में नहीं हैं. जब कोविड की बात आई तो सहयोग मिला. आज हम नहीं जानते कि देश किस दिशा में जा रहे हैं. इसलिए महंगाई लगातार बनी हुई है. युद्ध के लंबे समय तक चलने की संभावना है, इसलिए केंद्रीय बैंकों को कार्रवाई करनी होगी. भारत में, हम प्री कोविड लेवल पर लौट आए हैं. मांग में सुधार और निजी खपत के स्पष्ट संकेत हैं. निजी निवेश में तेजी के भी संकेत हैं. लेकिन महंगाई पर लगाम लगाना ज्यादा जरूरी है, नहीं तो यह नियंत्रण से बाहर हो जाएगी.
यह भी पढ़ें:- Inflation: 8 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची महंगाई, RBI गवर्नर ने कह दी ये बड़ी बात
एमपीसी तय करेगा कितना होगा इजाफा
रिजर्व बैंक के गर्वनर ने साफ किया कि मौजूदा समय में वो नहीं बता सकते हैं कि जून में होने वाली एमपीसी की बैठक में कितना इजाफा होगा. यह बैठक में फैसला लिया जाएगा. अगर जरुरत पड़ी तो वोटिंग भी होगी. आरबीआई एमपीसी जो भी फैसला लेगा वो काफी संतुलित होगा. उन्होंने कहा कि हमारा फोकस महंगाई पर लगाम लगाने पर है. ऐसा करते हुए, हम विकास को लिस्ट से बाहर नहीं कर सकते. तमाम केंद्रीय बैंक भी अपने घरेलू हालात को लेकर ऐसा ही रुख अपनाने की कोशिश कर रहे हैं. आपको बता दें कि आरबीआई ने एमपीसी की बैठक रेपो दरों में 40 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर दिया था. जिसके बाद दरें 4.40 फीसदी हो गई थी. जानकारों की मानें तो अगली मीटिंग में रेपो दरें 5 फीसदी से ज्यादा हो सकती हैं.
- Log in to post comments

RBI governor shaktikanta das
आपको लंबे समय तक झेलनी पड़ सकती है महंगाई: RBI गवर्नर