डीएनए हिंदी: भारतीय रेलवे द्वारा सीनियर सिटीजन्स (Indian Railways) को मिलने वाली ट्रेन की टिकट पर छूट को खत्म करना एक बड़ा फैसला था जिसके चलते रेलवे के फैसले की काफी आलोचनाएं भी हुईं थीं लेकिन अब एक बार फिर इस स्थिति में बदलाव किया जा सकता है. ट्रेन टिकट में वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizen) को मिलने वाली छूट को लेकर एक बार फिर मंथन का दौर शुरू हो गया है. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इस संबंध में रेलवे से जानकारी मांगी है.
सुविधा बहाल करने की मांग
दरअसल, कोविड-19 का खतरा कम होने और देश में अन्य सभी तरह की गतिविधियों के सामान्य होने के साथ ही वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन से यात्रा के दौरान किराये में मिलने वाली रियायत को बहाल करने की मांग एक बार फिर उठने लगी है. इस बढ़ते दबाव को कम करने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय एक सक्रिय भूमिका निभा रहा है. सरकार इस कोशिश में है कि रेलवे पर आर्थिक दबाव भी न पड़े और रियायत भी मिल सके जिससे लोगों का यह विरोध खत्म हो सके.
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस समय देश में ऐसी अनक्लेम्ड राशि सवा लाख करोड़ से ज्यादा है और अब तक वरिष्ठ नागरिकों से जुड़ी ढेर सारी योजनाएं मौजूदा समय में इसी फंड से संचालित होती रही है. फिलहाल वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े संगठनों की मांग के मद्देनजर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने रेलवे से इस संबंध में जरूरी जानकारियां मांगी हैं, जिसके बाद आगे की रणनीति पर केंद्र सरकार काम करेगी.
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बंद हो चुकी है छूट
वहीं रेलवे के इस फैसले को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले दिनों लोकसभा में कहा था कि करीब सात करोड़ वरिष्ठ नागरिक करीब दो साल से बिना किसी छूट के ट्रेनों से यात्रा कर रहे हैं. लिहाजा सभी वरिष्ठ नागरिक रेल किराए में बिना किसी छूट के यात्रा करने के लिए मजबूर हैं. आपको बता दें कि कोविड महामारी के दौरान खराब वित्तीय हालत को देखते हुए रेलवे ने तीन श्रेणियों को छोड़कर सभी के किराए में रियायत बंद कर दी थी, इनमें वरिष्ठ नागरिक भी हैं.
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