डीएनए हिंदी: वैश्विक निवेश बैंक मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) के मुताबिक भारत में अगले दशक में वैश्विक विकास का पांचवां हिस्सा चलाने की क्षमता है. बाजार पूंजीकरण के सालाना 11% से अधिक बढ़कर 10 डॉलर ट्रिलियन होने की संभावना है.
निवेश बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ऑफशोरिंग, मैन्युफैक्चरिंग में निवेश और ऊर्जा संक्रमण से भारत में आर्थिक उछाल आएगा और ये सभी कारक दशक के अंत से पहले इसे दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार बना देंगे.
बैंक के मुताबिक जनसांख्यिकी, डिजिटलीकरण (Digitalization), डीकार्बोनाइजेशन (Decarbonization) और डीग्लोबलाइजेशन (Deglobalization) के चार वैश्विक रुझान "न्यू इंडिया" के पक्ष में हैं.
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि भारत की जीडीपी (India’s GDP) 2031 तक 7.5 ट्रिलियन डॉलर को पार करने की संभावना है, जो मौजूदा स्तरों से दोगुने से कहीं ज्यादा है. इस GDP से भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगा, जो कि एक दशक में वृद्धिशील आधार पर प्रति वर्ष लगभग 500 बिलियन डॉलर है.
मेक इन इंडिया के माध्यम से स्थानीय विनिर्माण को आगे बढ़ाने के सरकार के जोर से 2031 तक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी बढ़कर 21% होने की संभावना है जिसका मतलब है कि 1 ट्रिलियन डॉलर के मैन्युफैक्चरिंग अवसर में बढ़ोतरी होगी.
रिपोर्ट में कहा गया है, "हमें उम्मीद है कि 2031 तक भारत की वैश्विक निर्यात बाजार हिस्सेदारी दोगुनी से अधिक 4.5% हो जाएगी, जिससे 1.2 ट्रिलियन डॉलर का निर्यात अवसर बढ़ जाएगा." साथ ही डिजिटलाइजेशन भारत के विकास के लिए एक और प्रमुख प्रेरक शक्ति होगी.
महामारी के दौरान ई-कॉमर्स ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ खिंचा है. दरअसल लॉकडाउन प्रतिबंधों के दौरान फिजिकल खरीदारी पर अंकुश लगा. मॉर्गन स्टेनली को उम्मीद है कि 2031 तक ई-कॉमर्स की पहुंच लगभग दोगुनी होकर 12.3% हो जाएगी.
भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 650 मिलियन से बढ़कर 960 मिलियन हो गई है, जबकि ऑनलाइन खरीदार अगले 10 वर्षों में 250 मिलियन से बढ़कर 700 मिलियन हो सकते हैं. वहीं भारत में प्रॉपर्टी डेवलपमेंट तेजी के साथ हो रहा है.
मॉर्गन स्टेनली ने कहा, "भारत को 2030 में आवासीय संपत्ति में अगले उछाल के लिए एक प्रमुख मोड़ पर पहुंचना होगा."
हालांकि, लंबे समय तक वैश्विक मंदी या सुस्त विकास, प्रतिकूल भू-राजनीतिक विकास, घरेलू राजनीति और ऊर्जा और कमोडिटी की कीमतों में तेज वृद्धि इन अनुमानों के लिए जोखिम पैदा कर सकती है.
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तीसरा सबसे बड़ा शेयर बाजार बनकर उभरेगा भारत, GDP में आएगी दोगुनी तेजी