डीएनए हिंदी: अफगानिस्तान में गेहूं (Afganistan wheat Crises) के संकट को देखते हुए भारत एक बार फिर सहयोगी देश की मदद के लिए हाथ बढ़ाएगा. भारत सरकार द्वारा करीब 50 हजार टन गेहूं की मदद अफगानिस्तान भेजी जाएगी. इसकी पहली 2,000 टन गेहूं की खेप आज शाम अटारी-वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान भेजी जाएगी जिसे भारत और अफगानिस्तान के अधिकारियो द्वारा हरी झंडी दिखाई जाएगी.
आज रवान होगी पहली खेप
दरअसल, भारत द्वारा अफ़ग़ानिस्तान को दी जाने वाली प्रस्तावित 50 हजार टन गेहूं की मदद की पहली खेप आज अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते रवाना होगी. आज शाम भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला और अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई 2,000 टन गेहूं की पहली खेप ले जा रहे 50 ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर कर रवाना करेंगे.
भारत सरकार ने पाकिस्तान से मांगी थी अनुमति
गौरतलब है कि भारत सरकार ने अफगानिस्तान को 50 हजार टन गेहूं की मदद देने का प्रस्ताव रखा था और पाकिस्तान (Pakistan) के रास्ते इसे अफगानिस्तान पहुंचाने के लिए पकिस्तान से अनुमति मांगी थी और पकिस्तान ने इस मुद्दे पर सहमति भी जता दी थी.
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ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र (United Nation) के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (World Food Program) के साथ करार किया है. इसका मकसद अफगानिस्तान को भारत का 50 हजार टन गेहूं पहुंचाना है और इसीलिए भारत ने अनुमति मांगी थी और मजबूरन पकिस्तान को इसे स्वीकारना पड़ा था. इस मदद की मुख्य वजह यह है कि अफगानिस्तान इस वक्त एक बड़े खाद्य संकट से गुजर रहा है और भारत फिर एक बार अफगानिस्तान के लिए मददगार साबित हुआ है.
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