डीएनए हिंदी: डीएनए हिंदी: हर व्यक्ति Income Tax बचाने की कोशिश करता है. हालांकि इसके विपरीत कई बार ऐसा होता है कि जो लोग टैक्स देने की स्लैब में नहीं आते हैं उनका भी पैसा कट जाता है. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि यदि TDS कट जाता है तो इसका रिफंड कैसे प्राप्त करें? यहां हम आपको रिफंड हासिल करने की प्रक्रिया बहुत आसान शब्दों में बता रहे हैं.
इनकम टैक्स विभाग देगा रिफंड
दरअसल, यदि आपकी कंपनी ने टेक्सेबल सैलरी से ज्यादा TDS काट लिया है तो आप TDS रिटर्न भरें. IT डिपार्टमेंट (Income Tax Department) आपकी सैलरी पर बनने वाला Total Tax कैलकुलेट करेगा. अगर यह टैक्स आपकी कंपनी की ओर से काटे गए टैक्स से कम होगा तो बाकी टैक्स की रकम आपको रिफंड (Refund) कर दी जाएगी.
ठीक इसी तरह यदि अगर कंपनी की ओर से काटी गई रकम कम है और टैक्सेबल (Payble Taxable) ज्यादा है तो IT डिपार्टमेंट आपको बकाया TDS जमा करने को कहेगा. याद रहे कि आपको रिटर्न दाखिल करते समय अपने बैंक का नाम IFSC कोड जरूर लिखना है तभी रिफंड आपके खाते में आएगा.
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रिफंड के लिए करें ये काम
यदि आपकी Taxable सैलरी नहीं है और फिर भी अगर आपका बैंक आपके फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के ब्याज पर टैक्स काट लेता है तो आपको TDS की ये रकम भी वापस मिल सकती है. इसके लिए दो तरीकें हैं.
नंबर 1- IT रिटर्न में इस बात का जिक्र करें. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपकी टैक्स देनदारी को ऑटोमैटिक कैलकुलेट करेगा. अगर कोई टैक्स नहीं बनता है तो आपके बैंक खाते में ये रकम डाल दी जाएगी.
नंबर 2- आप फॉर्म 15G भरिए और अपने बैंक में जमा कर दीजिए. अपने बैंक को बताइए कि मेरी सैलरी टैक्सेबल नहीं है, इसलिए काटा हुआ TDS वापस करें.
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वहीं यदि सीनियर सिटिजन की बात के तो उन्हें Fixed Deposit के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना होता है. फिर भी अगर आप इसी साल 60 साल के हुए हैं और चाहते हैं कि बैंक आपका TDS नहीं काटे तो फॉर्म 15H भरकर बैंक को दे दें इससे आपक टीडीएस नहीं कटेगा और यदि कटा है थो रिफंड हो जाएगा.
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