डीएनए हिंदी: दुनिया भर में बहुत सारे लोग क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में भारी मात्रा में निवेश कर रहे हैं जिसे "क्रिप्टो" या "टोकन" भी कहा जाता है. पिछले कुछ वर्षों में भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. केंद्रीय बजट (Union Buget) 2022-23 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट की घोषणा की थी वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि इस वर्ष से क्रिप्टोकरेंसी लाभ और आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा.
ध्यान देने वाली बात यह है कि आयकर अधिनियम 1961 में क्रिप्टोकरेंसी के कराधान पर कोई विशिष्ट मार्गदर्शन/विशिष्ट कर प्रावधान नहीं है जो लोग क्रिप्टो में निवेश करते हैं, उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपने करों में अपने लाभ की रिपोर्ट कर रहे हैं वरना ऐसा ना करने पर उन्हें मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है.
लोगों के पास हमेशा अपने आयकर रिटर्न में अपने लाभ को व्यावसायिक आय या पूंजीगत लाभ श्रेणियों के तहत रिपोर्ट करने का विकल्प होता है. इसका वर्गीकरण निवेशकों की मंशा और इन लेनदेन की प्रकृति पर निर्भर करेगा. केंद्रीय बजट 2022 की प्रस्तुति के अनुसार आपको क्रिप्टोकरेंसी लाभ पर कराधान के बारे में जानकारी होनी ही चाहिए.
- क्रिप्टो और एनएफटी जैसी आभासी डिजिटल संपत्तियों के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा.
- क्रिप्टो लाभ पर आयकर की रिपोर्ट करते समय अधिग्रहण की लागत को छोड़कर किसी भी कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी.
- क्रिप्टो या किसी भी डिजिटल संपत्ति से होने वाले नुकसान को किसी अन्य आय के खिलाफ सेट नहीं किया जा सकता है.
- डिजिटल संपत्ति का उपहार प्राप्तकर्ता के हाथों कर योग्य होगा.
यदि कोई व्यक्ति अकसर क्रिप्टो में निवेश कर रहा है और एक महत्वपूर्ण लाभ के साथ उच्च मात्रा में व्यापार कर रहा है तो क्रिप्टोकरेंसी से लाभ पर व्यावसायिक आय के रूप में कर लगाया जाएगा. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि क्रिप्टो का कराधान प्रत्येक निवेशक के लिए अलग होगा और उन्हें अपना आईटीआर दाखिल करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए.
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यदि किसी व्यक्ति ने कम संख्या में ट्रेडों के साथ मूल्य में लॉन्ग टर्म लाभ के लिए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है तो क्रिप्टो लाभ से टैक्स पूंजीगत लाभ अनुभाग के तहत दायर किया जा सकता है. यदि लेन-देन का बिक्री मूल्य लागत से अधिक है, तो इसे पूंजीगत लाभ माना जाएगा और लोगों को इस भी टैक्स देना होगा.
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