डीएनए हिंदी: 1 अप्रैल से देश के अनेकों सरकारी नियमों में बड़ा बदलाव होने वाला है. इसमें टैक्स से लेकर पीएफ तक के नियम शामिल है. इन 1 अप्रैल, 2022 से बदले जा रहे कई सारे नियमों का असर आम आदमी पर पड़ने वाला है. ऐसा ही एक नियम जीएसटी फाइलिंग से जुड़ा है. इसमें अब गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के तहत 20 करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए 1 अप्रैल से E-Invoice को अनिवार्य कर दिया गया है.
जरूरी होगा ई-चालान
इस नए प्रावधानों को लेकर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की एक सर्कुलर के अनुसार ऐसे सभी व्यापारी जो B2B बिजनेस करते हैं और जिनका सालाना टर्नओवर 20 करोड़ रुपये से अधिक है उन्हें 1 अप्रैल से इलेक्ट्रॉनिक चालान जनरेट करना जरूरी होगा.
केंद्र सरकार द्वारा GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं ताकि टैक्स चोरी कम हो और कलेक्शन को बढ़ावा मिले. इसको लेकर अक्टूबर साल 2020 में सरकार ने यह फैसला लिया था कि ऐसी कंपनी जिनका टर्नओवर 500 करोड़ से ज्यादा है उन्हें अपने B2B लेनदेन पर ई-चालान जनरेट करना जरूरी होगा. इसे पार्दर्शिता के लिहाज से लिया गया फैसला माना जा रहा है.
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पारदर्शिता के लिए अहम
आपको बता दें कि हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिये कर चोरी की गई थी. इसको देखते हुए यह बदलाव किया जा रहा है. हाल के महीनों में जीएसटी संग्रह में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है और यह 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बना हुआ है.
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