डीएनए हिंदी: देश की इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए सरकार कमर कसकर तैयार है. बजट में आम आदमी के लिए सीधे तौर पर कोई घोषणा नहीं की गई थी, पर बजट के ऐलानों से सरकार का दावा है कि इससे कारोबार दौड़ेगा और रोजगार बढ़ेगा. सरकार का भरोसा है कि कैपिटल एक्सपेंडीचर बढ़ेगा. इससे अर्थव्यवस्था को गति (Economic Growth) मिलेगी और साल के आखिर तक निजी निवेश भी आना शुरु हो जाएगा.
आर्थिक विकास की रफ्तार
सरकार का दावा है कि आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए माहौल काफी पहले तैयार हो गया था. कोविड के आने से सारी मेहनत पर पानी फिर गया है. दरअसल, कुछ साल पहले तक कर्ज देने और लेने में जो मुश्किलें आ रही थीं उनको सुधारने का काम किया गया था. यह काम पूरा होने पर जैसे ही इकोनॉमी में तेजी आती उसके पहले ही कोविड ने आकर सारी योजना चौपट कर दी.
पिछले दो सालों से जैसे ही कोरोना का कहर कम होता है तो वैसे ही एक और नई लहर आकर प्रतिबंधों को फिर से लागू कर देती है जिसकी वजह से आर्थिक रिकवरी के रास्ते और मुश्किल हो जाते हैं.
निजी निवेश को बढ़ावा
जानकारों का भी मानना है कि आर्थिक रिकवरी को पुश देने के लिए सरकारी खर्च बढ़ाने के साथ ही निजी निवेश को भी बढ़ावा देना होगा.
जाहिर है कि सरकार की सारी योजनाओं की सफलता आगे भी कोरोना की चाल पर निर्भर करेगी. फिर से इसकी कोई तगड़ी लहर आई तो इकोनॉमी का उबरना मुश्किल हो जाएगा.
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Economic Growth के लिए सरकार तैयार, बस कोविड से पाना होगा पार