डीएनए हिंदी: खेती-किसानी करने वालों के लिए केंद्र सरकार एक नया ऐलान करने वाली है. दरअसल लोक सेवा समिति को केंद्र सरकार ने बताया कि कुछ लोग अपनी इनकम को कृषि से हुई आय के रूप में दिखाकर Tax में छूट पा रहे हैं. ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने के लिए एक सही रणनीति तैयार करना बेहद अहम है.
केंद्र सरकार ने ‘कृषि से होने वाली आय’ पर टैक्स में रियायत देने से संबंधित मौजूदा जानकारी में कई गलतियों की तरफ इशारा किया है. सूत्रों के मुताबिक अब जो अमीर किसान खेती-किसानी को आय का जरिया बताकर टैक्स (Tax) डकार जाते थे उन्हें अब टैक्स डिपार्टमेंट (Tax Department) के अधिकारियों से कड़ी जांच का सामना करना पड़ेगा. साथ ही जिन किसानों की आय सालाना 10 लाख रुपये से ज्यादा है उन्हें भी इस जांच का सामना करना पड़ सकता है.
लोक सेवा समिति का क्या कहना है?
संसद में लोक सेवा समिति ने बताया कि कम से कम 22.5 प्रतिशत मामलों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बिना दस्तावेजों का ठीक से जांच किए बिना कृषि से अर्जित आय के मामले में कर मुक्ति को मंजूरी दे दी है. इस वजह से कर चोरी की आशंका बनी हुई है. बता दें कि लोक सेवा समिति ने 5 अप्रैल को संसद में अपनी 49वीं रिपोर्ट ‘कृषि आय से संबंधित आकलन’ जारी किया था. यह आकलन CAG के रिपोर्ट पर आधारित है.
कृषि आय में क्या कहता है आयकर में छूट का अधिनियम?
आयकर अधिनियम 1961 की आर्टिकल 10(1) के तहत ‘कृषि से होने वाली आय’ में टैक्स की रियायत दी गई है. कृषि भूमि से मिलने वाला किराया, राजस्व या ट्रांसफर को कृषि से होने वाली आय के रूप में माना गया है. इस मामले पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि उसके पास अपने क्षेत्र में होने वाली धोखाधड़ी से संबंधित मामलों की जांच करने के लिए पर्याप्त मात्रा में मैनपॉवर नहीं है.
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Farming करने वालों के लिए सरकार हो सकती है सख्त, देना पड़ सकता है टैक्स