डीएनए हिंदी: पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल, 2016 के तहत प्लास्टिक पैकेजिंग पर उत्पादकों (Producers) के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupender Yadav) ने कहा है कि नए नियमों के बाद प्लास्टिक पैकेजिंग वेस्ट के लिए नया रोडमैप तैयार होगा. इससे अर्थव्यवस्था भी बेहतर होगी.
नई गाइडलाइन ने उत्पादकों की जिम्मेदारी बढ़ा दी है. सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के लिए पाबंदियां लगाई जाएंगी. 1 जुलाई 2022 से देश में प्लास्टिक कचरे से होने वाले प्रदूषण के स्तर को कम किए जाने की कोशिश की जाएगी. नए नियम मददगार हो सकते हैं.
सिंगल यूज प्लास्टिक कम उपयोगी होता है और उसका कचरा बहुत जमा होता है. यह कदम 1 जुलाई, 2022 से प्रभावी हो जायेगा. देश में प्लास्टिक के कचरे से पैदा होने वाले प्रदूषण को कम करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है.
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क्यों सरकार ने उठाया है कदम?
पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने दिशा-निर्देशों के बारे में ट्वीट भी किया है. उन्होंने कहा है कि इससे प्लास्टिक के नये विकल्पों के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा और टिकाऊ प्लास्टिक पैकेजिंग की दिशा में व्यापार को आगे बढ़ाने के लिये रोडमैप उपलब्ध होगा.
Taking forward the clarion call given by PM Shri @narendramodi ji to eliminate single-use plastics, @moefcc has notified comprehensive Guidelines on Extended Producers Responsibility on plastic packaging.https://t.co/BtONCGnaLH
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) February 17, 2022
दिशा-निर्देशों में एक ऐसा फॉर्मेट तैयार किया गया है, जिससे प्लास्टिक पैकेजिंग वेस्ट की रीसाइक्लिंग पर जोर दिया जाएगा. इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली और प्लास्टिक के नए विकल्पों के विकास को बूस्ट मिलेगा. इंडस्ट्रियल ऑर्गेनाइजेशन टिकाऊ प्लास्टिक पैकेजिंग की दिशा में आगे बढ़ेंगे.
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रिसाइक्लिंग पर रहेगा जोर!
एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी के तहत जमा किए जाने वाले प्लास्टिक पैकेजिंग की रीसाइक्लिंग की जाएगी. री-साइकिल किये गए प्लास्टिक को बार-बार उपयोग में लाया जायेगा. इस तरह प्लास्टिक की खपत को और कम हो जाएगी.
एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी का काम एक विशेष ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिए किया जाएगा, जो पूरी प्रणाली की डिजिटल बुनियाद के रूप में काम करेगा. ऑनलाइन प्लेटफार्म में काम की ट्रैकिंग और निगरानी की जा सकेगी. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और आय का वार्षिक ब्योरा जमा करने के लिए कंपनियों का बोझ कम होगा.
नियम तोड़ने पर लगेगा जुर्माना
प्रदूषण पैदा करने वाले उत्पादकों पर पर्यावरण नियमों के तहत जुर्माना लगेगा. इसके लिए विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व के लक्ष्यों को पूरा न करने पर निर्माताओं, आयातकों और ब्रांड के मालिकों पर जुर्माना लगाया जाएगा. इसका मकसद पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार करना, सुरक्षा और प्रदूषण पैदा करने वाले फैक्टर को कंट्रोल करना है.
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