डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता आगे बढ़ने के बाद से पिछले हफ्ते में अचानक से सोने की कीमत में गिरावट दर्ज की जा रही है. शुक्रवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का भाव 310 रुपये प्रति 10 ग्राम गिरकर 51,275 रुपये के स्तर पर पहुंच गया. हाल में सोने की कीमत में 55,558 रुपये पर पहुंच गई थी जो इस साल की अब तक की सबसे बड़ी उछाल है. अभी तक सोने में 4,283 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट दर्ज की जा चुकी है. वहीं शुक्रवार को हाजिर सोना 12 डॉलर प्रति औंस टूटकर 1924 के स्तर पर पहुंच गया.
कमोडिटी मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता में प्रगति और इंटरेस्ट रेट्स में वृद्धि पर यूएस फेड कठोर रुख अपना सकता है. यह कठोर रुख आने वाले समय में मंदड़ियों के लिए बूस्टर डोज का काम कर सकता है. हालांकि वैश्विक महंगाई की चिंता लंबी अवधी में देखने को मिल सकती है. साथ ही एक्सपर्ट्स ने कहा कि सोने के लिए तत्काल समर्थन 1880 डॉलर से लेकर 1900 डॉलर प्रति औंस पर आंका गया है.
Gold के भाव में उतार-चढ़ाव
वैश्विक तौर पर सोने की कीमत में गिरावट के कारणों पर रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड में कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च के उपाध्यक्ष सुगंधा सचदेवा का कहना है कि “हफ्ते की शुरुआत में मेटल के लिए सेंटिमेंट मंदी का हो गया है. इसकी खास वजह है रूस ने कीव (Kyiv) के आसपास सैन्य अभियानों को कम करने का वादा किया था. हालांकि अभी भी इसमें बहुत डाउट है.”
सुरक्षा चिंताओं के बीच सोने ने $ 1900 प्रति औंस के स्तर के आसपास का सपोर्ट लिया है. वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने विदेशी खरीदारों को गैस की आपूर्ति को रोकने की धमकी दी है और कहा है कि विदेश खरीदार रूबल में ही पेमेंट करें. इस वजह से तनाव और बढ़ गया है.
गोल्ड की कीमत में मजबूती
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड में कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च के उपाध्यक्ष सुगंधा सचदेवा का कहना है कि “इस बात को लेकर लोगों में काफी घबराहट है कि महंगाई का अमेरिकी आर्थिक विकास पर नकारात्मक असर रहेगा. यूरोप के एरिया की महंगाई भी फरवरी में 5.9% के संसोधित आंकड़े की तुलना में मार्च में रिकॉर्ड 7.5% तक पहुंच गई. सोने के बढ़ते भाव के लिए ये पॉजिटिव पहलू है. कयास लगाया जा रहा है कि फेड अपनी अगली बैठक में इंटरेस्ट रेट्स में 50BPS की बढ़ोतरी कर सकता है.
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक सितंबर 2020 के बाद गोल्ड में सबसे बड़ी तिमाही वृद्धि देखने को मिली है. अभी कुछ और समय तक कीमतों में थोड़ा और दबाव देखने को मिल सकता है.हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है सोने में गिरावट के दौरान निवेशक खरीदारी करें.
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