डीएनए हिंदी: दिसंबर से देश के क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में लगातार हलचल जारी है. दरअसल दिसंबर में सरकार की योजना में क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने का बिल लाना भी शामिल था. इसके बाद से निवेशकों से लेकर क्रिप्टो एक्सचेंजों और क्रिप्टोकरेंसीज तक सबमें हड़कंप मच गया. लोगों ने आनन-फानन में इसकी बिक्री शुरु कर दी और काफी लोग इसे बेचने और रखने को लेकर दुविधा में फंस गए.
डिजिटल एसेट्स पर टैक्स
हालांकि इस बार जैसे ही बजट में क्रिप्टोकरेंसीज पर डिजिटल एसेट्स के नाम से टैक्स लगाने का ऐलान हुआ उसके बाद से लोगों को यकीन हो चला है कि सरकार इन्हें बैन तो नहीं करेगी. वित्त सचिव टी. वी. सोमनाथन ने भी साफ कर दिया है कि क्रिप्टो इललीगल नहीं है. बहरहाल वित्त सचिव ने इसे लीगल भी करार नहीं दिया है. नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी एक कदम आगे जाकर कहा कि क्रिप्टो बैन होना मुश्किल है.
भले ही अभी तक क्रिप्टो बैन ना करने के लिए बयानों में केवल इशारे ही मिल रहे हैं लेकिन क्रिप्टो को कानूनी दर्जा मिलने को लेकर अब निवेशक भरोसेमंद हैं. टैक्स के ऐलान के बाद से निवेशकों को यकीन है कि चाहे जो हो अब सरकार कम से कम इसे बैन तो नहीं करेगी.
निवेशकों का ये भरोसा क्रिप्टो में रजिस्ट्रेशंस की बढ़ती संख्या से भी पुख्ता हो रहा है. अब देखना यही है कि आखिर सरकार इस पर कबतक अपना रुख साफ करेगी.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी के निवेशक?
सभी देशों के क्रिप्टो निवेशकों की अगर भारत के क्रिप्टो निवेशकों से तुलना की जाए तो आप पाएंगे कि हमारे देश में किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे ज्यादा क्रिप्टो निवेशक हैं. 1 करोड़ डॉलर के कुल वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) ट्रान्सफर का 42% भारत से हुआ है. यह आंकड़ा किसी भी दूसरे देश से अधिक है. माना जाता है कि इस निवेश में ब्लैक, वाइट हर तरह के पैसे शामिल हैं. कुछ समय पहले जो आंकड़े आए थे उनके मुताबिक भारत में अब तक 6 लाख करोड़ से अधिक का निवेश हो चुका है. कुछ रिपोर्ट 10 लाख करोड़ की बात भी करते हैं.
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वित्त सचिव ने Cryptocurrency पर कहा, 'क्रिप्टो इललीगल नहीं है'