डीएनए हिंदी: सोना, हीरे-जवाहरात और ज्वैलरी भारत में निवेश और सरकार की आमदनी का एक बड़ा ज़रिया बनते जा रहे हैं. हाल ही में बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कटे और पॉलिश डायमंड और रत्नों पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को घटाकर भी इस सेक्टर को बड़ी राहत दी थी.
ज्वैलरी के एक्सपोर्ट को मिलेगा बढ़ावा
इसके साथ ही अब ज्वैलरी के एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ई-कॉमर्स का रुट अपनाने को तैयार है जिससे ज्वैलरी व्यापारी बेहद उत्साहित हैं. फिजिकल फॉर्म में तो भारतीयों की पसंदीदा शॉपिंग यानी ज्वैलरी लगातार बढ़त दर्ज कर ही रही है लेकिन कोरोना काल में जिस तरह से डिजिटल दुनिया ने अपनी धाक जमाई है उसमें गोल्ड का डिजिटल निवेश भी पीछे नहीं है. दरअसल, बढ़ती महंगाई और कोरोना महामारी में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी गोल्ड ETF लोगों को लुभा रहा है. इसी का नतीजा है कि 2021 में गोल्ड ETF को 4,814 करोड़ रुपए का निवेश मिला है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया यानी AMFI के मुताबिक 2020 में तो गोल्ड ETF को 6 हज़ार 657 करोड़ रुपए का निवेश मिला था.
गोल्ड ईटीएफ में आकर्षण
जानकारों का मानना है कि कोरोना की पहली लहर के बाद हुई आर्थिक रिकवरी की वजह से भले ही 2020 के मुकाबले ये आंकड़े कम नजर आ रहे हैं लेकिन प्री-कोविड के मुकाबले 2021 में भी गोल्ड ETF का प्रदर्शन बेहतर रहा है. साथ ही उच्च महंगाई दर और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के रुख की वजह से 2022 में भी गोल्ड ईटीएफ में आकर्षण बना रहेगा.
गोल्ड ETF में सोने की खरीद-फरोख्त डिजिटल फॉर्म में होती है. ऐसे में इस संभालकर रखने या इसकी प्योरिटी को लेकर निवेशकों के मन में कोई संदेह नहीं होता. ऐसे में निवेश का ये विकल्प बढ़ती महंगाई में सुरक्षित और ज्यादा रिटर्न देने की खूबी की वजह से लोगों को रास आ रहा है.
यह भी पढ़ें:
E-Charging Station: इलेक्ट्रिक वेहिकल्स के लिए तैयारी हुई शुरू, हर स्टेशन पर निजी कैब फ्लीट रहेगी तैनात
- Log in to post comments
निवेशकों का पसंदीदा बनता जा रहा ETF, आखिर क्या है वजह?