डीएनए हिंदीः कोरोनाकाल में लोगों की नौकरी पर एक बड़ा खतरा पैदा हो गया है. अनेकों लोगों ने अपनी नौकरी गंवाई है. नतीजा ये कि लोगों को अनाधिकृत क्षेत्र में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. ऐसे में लोगों को ईपीएफओ और पेंशन की खास व्यवस्थाएं नहीं मिल पा रही थीं लेकिन अब इन स्थितियों को बदलने के लिए ईपीएफओ ने एक बेहतरीन कदम उठाया है. अब नौकरी छूट जाने के बाद भी लोगों को भी ईपीएफओ और पेंशन का लाभ मिल सकता है.
ईपीएफओ का नया प्लान
ईपीएफओ लगातार अपने ग्राहकों को राहत पहुंचाने की नीति के तहत नए बदलाव करता रहता है. ऐसा ही एक बदलाव उन लोगों के लिए होने वाला है जिनकी नौकरी चली गई है. ईपीएफओ अपने उन पुराने ग्राहकों को भी फंड और पेंशन देने की स्कीम लेकर आया है जिनकी नौकरी चली गई है. ऐसे लोग जो नौकरी छूटने या किन्हीं अन्य कारणों अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने को मजबूर हो गए हैं. उन्हें अब पेंशन समेत ईपीएफ का पूरा लाभ मिल सकता है.
बड़ी संख्या में लोगों ने छोड़ा ईपीएफ
मजबूरन अनाधिकृत क्षेत्र में काम करने वाले पूर्व ईपीएफ ग्राहक प्रतिमाह न्यूनतम 500 रुपये या 12 प्रतिशत आय का योगदान देकर ईपीएफ की योजनाओं का लाभ सुचारु ढंग से उठा सकेंगे. इस योजना के लिए एक विशेष प्रस्ताव पर काम शुरू हो गया है. ध्यान देने वाली बात ये है कि इस वर्ष 48 लाख से ज्यादा ग्राहकों ने ईपीएफओ से बाहर निकलने का विकल्प चुना है. वहीं कोरोना की हालिया स्थिति को देखते हुए संभावनाएं हैं कि अभी ये आंकड़ा बढ़ सकता है. ऐसे में ईपीएफओ द्वारा प्रस्तावित ये फैसला उन लोगों के लिए राहत बनने वाला है जो कि आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं.
वही इस फैसले से अनाधिकृत क्षेत्र में कार्य करने को मजबूर लोगों के पास बचत का एक सकारात्मक विकल्प होगा. साथ ही उन पर आश्रित रहने वाले लोगों को भी इसका फायदा मिलेगा क्योंकि ईपीएफओ अकाउंट के साथ बीमा कवर की सर्विस भी आती है.
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