डीएनए हिंदी: एलपीजी (LPG), खाद्य तेल और कच्चे माल की कीमतों में बढ़ती कीमतों की वजह से रेस्टोरेंट में खाना खाना महंगा होता जा रहा है. हालांकि अगर आप इसके अलावा आप रेस्टोरेंट के बिल पर ध्यान देंगे तो पाएंगे कि इसमें सर्विस चार्ज भी शामिल होता है, जिससे बिल की रकम और ज्यादा बढ़ जाती है. अब इसको लेकर केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने गुरुवार को रेस्टोरेंट द्वारा लगाए गए सर्विस चार्ज को अवैध करार दिया है. इसने नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) से इसे तुरंत बंद करने को कहा है. मंत्रालय ने कहा कि सर्विस चार्ज लगाने से उपभोक्ताओं पर उल्टा असर पड़ रहा है.

सर्विस चार्ज क्या है?

सेवा शुल्क का इस्तेमाल रेस्टोरेंट/होटल द्वारा कर्मचारियों और श्रमिकों को भुगतान करने के लिए किया जाता है और उपभोक्ता को परोसे जाने वाले खाने या अनुभव के लिए शुल्क नहीं लिया जाता है. रेस्टोरेंट का कहना है कि कर्मचारियों को वेतन का भुगतान किया जाता है, लेकिन सेवा शुल्क उनके लिए प्रोत्साहन के तौर पर काम करता है. रेस्टोरेंट ग्राहक द्वारा खाना खाने के बाद भुगतान की जाने वाली बिल राशि में सर्विस चार्ज जोड़ता है. हालांकि ग्राहक चाहे तो सर्विस चार्ज का भुगतान नहीं करने का विकल्प चुन सकता है. रेस्टोरेंट के बिल में भोजन शुल्क शामिल होता है जिसमें सेवा शुल्क (5 से 15% के बीच) और इस राशि पर 5% जीएसटी शामिल होता है. यह सभी तरह के स्टैंडअलोन रेस्टोरेंट के लिए है. अगर रेस्टोरेंट किसी होटल या फाइव स्टार होटल के अंदर है तो ऐसी स्थिति में 18% GST लगता है.

ज्यादातर रेस्टोरेंट सर्विस चार्ज खुद तय करते हैं जबकि जीएसटी एक इम्पोर्टेन्ट कंपोनेंट है. मालूम हो कि सर्विस चार्ज ग्रेच्युटी या टिप की तरह होता है.

कानूनी ढांचा तैयार करेगी सरकार

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि सरकार जल्द ही ग्राहकों से सेवा शुल्क वसूलने वाले रेस्टोरेंट को रोकने के लिए कानूनी ढांचा तैयार करेगी. उन्होंने रेस्टोरेंट और उपभोक्ता संघों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद यह बात कही.

रोहित सिंह ने कहा कि रेस्टोरेंट और होटल उद्योग संघों का दावा है कि यह प्रथा कानूनी रूप से गलत नहीं है. दूसरी तरफ उपभोक्ता मामलों के विभाग का मानना ​​है कि इससे ग्राहकों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. साथ ही यह 'अनुचित व्यापार व्यवहार' है.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के साथ NRAI की बैठक

उपभोक्ता शिकायतों के बाद मंत्रालय ने 2 जून को नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साथ एक बैठक निर्धारित की थी. गुरुवार को हुई बैठक में रेस्तरां द्वारा लगाए गए सेवा शुल्क से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई. रेस्टोरेंट आमतौर पर कुल बिल पर 10% का सर्विस चार्ज लेते हैं.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने हाल ही में बैठक बुलाकर एक बयान में कहा था, "उपभोक्ता मामलों के विभाग (DoCA) द्वारा कई मीडिया रिपोर्टों के साथ-साथ राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज की गई शिकायतों पर ध्यान देने के लिए (NCH) बैठक हो रही है."

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Do you pay Restaurant Service Charge, know here some rules related to it
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क्या आप Restaurant Service Charge देते हैं, यहां जानिए उससे जुड़े कुछ नियम
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रेस्टोरेंट का खाना
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