हरिणी शिवकुमार को DNA Women Achievers Day Awards 2024 से सम्मानित किया गया है. DNA की ओर से यह सम्मान उन्हें E-कॉमर्स में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए दिया गया है. उन्हें DNA न्यू जेनरेशन विमेन अचीवर्स अवार्ड 2024 पीवोटल चेंज इन ई-कॉमर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया है.
हरिणी शिवकुमार ने अपने करियर की शुरुआत बैंकिंग से की थी. 22 साल की उम्र में ही उनकी शादी हो गई थी. साल 2010 में उन्हें पता चला कि उनके बच्चे को डाउन सिंड्रोम है. उन्होंने अपने करियर को छोड़ा और घर पर रहकर बच्चे की देखभाल की.
कैसे पड़ी कंपनी की नींव?
वे अपने बच्चे के लिए एक ब्रांड ढूंढ रही थीं लेकिन इस तलाश ने ही उन्हें उद्योगपति बना दिया. उन्होंने एकस्टार्टअप शुरू किया जो चल निकला. अब उनके पास एक प्रचलित ब्रांड है, जिसकी कमाई करोड़ों में हैं. वह अर्थ रिदम की संस्थापक और सीईओ हैं. यह देश का चर्चित कॉस्मेटिक केमिस्ट ब्रांड है.
हरिणी की कहानी भी बेहद दिलचस्प है. साल 2015 में उन्होंने बिजनेस शुरू किया था. वह अपने बिजनेस के लिए दौड़ती रहीं. उन्होंने जगह-जगह स्टॉल लगाए, अपने ब्रांड को बेचने के लिए गलियों की सैर की. उन्होंने छोटे-छोटे सोसाइटी से यह बेचना शुरू किया.
साल 2019 में गुड़गांव में एक वेबसाइट और एक प्रोडक्शन यूनिट के साथ उन्होंने अर्थ रिदम कंपनी की शुरुआत की. उनकी ई-कॉमर्स ट्रेडिंग देखते-देखते चल निकली. उनकी कंपनी 2 साल में 500 गुना बढ़ गई है. 2022 में उनका कस्टमर बेस करीब 10 गुना बढ़ गया. यह राह आसान नहीं थी.
शादी के 7 साल तक उन्होंने कोई काम नहीं किया. वे एक एवरेज स्टूडेंट थीं. उनके पास कोई अच्छी डिग्री नहीं थी. उनका बच्चा एक स्पेशल स्कूल में पढ़ने लगा तब उन्हें कुछ अलग करने की सोच मिली.
7 साल बाद पूरी की पढ़ाई
उन्होंने अपनी कंपनी रजिस्टर्ड कराई. उन्होंने स्किन केयर के बारे में सीखा. कई कोर्सेज में हिस्सा लिया और अनोखा ब्रांड लेकर सबके सामने आईं. उन्होंने नॉर्थम्प्टन यूनिवर्सिटी से स्पेशल एजुकेशन में मास्टर्स की डिग्री ली. बाद में उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ पर्सनल केयर साइंस से एडवांस्ड कॉस्मेटिक साइंस, एडवांस्ड फॉर्मूलेशन में डिप्लोमा किया.
उन्होंने चेन्नई बिजनेस स्कूल से रिटेल मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी पूरा किया था. 2019 में, उन्होंने अपने पिता से मदद लेने के बाद ब्रांड को फिर से लॉन्च किया.
उन्होंने 8 महिलाओं के स्टाफ के साथ एक छोटा कार्यालय भी शुरू किया. उनकी पहली कर्मचारी सुंदरबन की एक ग्रामीण लड़की थी. अब, कंपनी में 100 से अधिक कर्मचारी हैं. वे अपनी वेबसाइटों के माध्यम से 160 उत्पाद बेचते हैं.
पिछले साल उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर वह बिना किसी व्यावसायिक ज्ञान के 200 करोड़ रुपये का ब्रांड बना सकती हैं, तो कोई भी ऐसा कर सकता है.
बेटे के लिए ब्रांड तलाश रही थीं, बना दी कंपनी
हरिणी ने मूल रूप से अपने बेटे के लिए स्किन केयर फॉर्मूलेशन बनाने का कोर्स किया था. अब उनका प्रोडक्ट धड़ल्ले से बिक रहा है, जिसे केमिकल फ्री साबुन चाहिए. उनका सबसे प्रसिद्ध प्रोडक्ट शैम्पू बार है.
उनकी कंपनी प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग करती है. उनकी कंपनी जीरो-वेस्ट पॉलिसी पर काम करती है. उनके पिता फाइनेंस और सेल का काम संभालते हैं. वह मैन्युफैक्चरिंग का काम संभालती हैं. कंपनी अपने प्रोडक्ट्स खुद बनाती है.
कंपनी ने 2023 में 150 करोड़ रुपये की बिक्री का ARR लक्ष्य रखा था. कंपनी ने करीब 10 मिलियन डॉलर जुटाए हैं.
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DNA Women Achievers Day Awards 2024: हरिणी शिवकुमार को Pivotal change in e-commerce कैटगरी में अवार्ड