डीएनए हिंदी: कोरोना महामारी (Covid-19) के दौरान बहुत से लोगों की नौकरियां गईं. देश की GDP भी अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गई. हालांकि धीरे धीरे अर्थव्यवस्था बेहतर होने की दिशा में है. हाल के वक्त में अगर देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो दिल्लीवालों की इनकम में 16.81 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. साथ ही सरकार का जीडीपी (Gross Domestic Product) भी बीते साल की तुलना में बेहतर हुआ है. इस साल इसमें 17.65 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. दिल्ली विधनासभा के बजट सत्र में कल यानी शुक्रवार को वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया (finance Minister Manish Sisodiya) ने सदन में आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 रिपोर्ट पेश की जिसमें दिल्ली की आर्थिक गतिविधियों के बारे में पता चला. रिपोर्ट के लिहाज से दिल्ली सरकार का राजस्व इस साल भी बेहतर रहा.
वेलफेयर योजनाओं पर खर्च हुआ 62 प्रतिशत बजट
इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक दिल्ली सरकार ने 2021-22 के अपने बजट का सबसे ज्यादा पैसा सेवा क्षेत्र से जुड़े कार्यक्रमों में खर्च किया है. इसके तहत कुल बजट का 62.2 प्रतिशत हिस्सा खर्च किया गया है. इस बजट में बताया गया कि 3 करोड़ महिलाओं को मुफ्त सफर, 91 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी कंस्यूमर्स को मुफ्त बिजली, 14 लाख कंस्यूमर्स को मुफ्त पानी, फ्री वाई-फाई की सुविधा, कंस्ट्रक्शन सेक्टर के मजदूरों को आर्थिक मदद और 72 लाख से ज्यादा लोगों को फ्री राशन और कई पेंशन योजनाओं का लाभ दिया गया.
इसके इतर कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं भी शामिल थी. सरकार ने बजट का सबसे ज्यादा हिस्सा 23.45 प्रतिशत परिवहन विभाग पर खर्च किया है. इसके अलावा एजुकेशन सेक्टर में 19.52 प्रतिशत, पब्लिक हेल्थ पर 13.74 प्रतिशत, सोशल वेलफेयर पर 11.74 प्रतिशत, जलापूर्ति पर 8.66 और बिजली पर 8.53 प्रतिशत पैसा कुल बजट का खर्च किया है.
राजकोषीय वित्तीय घाटे पर असर
कोरोना महामारी के दौरान दिल्लीवालों की आमदनी जहां बढ़ी है वहीं दिल्ली सरकार को राजकोषीय वित्तीय घाटा भी हुआ है. यह राजकोषीय घाटा सोशल वेलफेयर सेक्टर में बजट खर्च के बाद ज्यादा बढ़ गया है. अब यह घाटा दोगुने से ज्यादा बढ़ गया है. इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक फाइनेंशियल इयर 2019-20 में सरकार का राजकोषीय घाटा 3227.79 करोड़ रुपये था जो 2020-21 में बढ़कर 9972.96 करोड़ रुपये हो गया है. यह कुल राज्य जीडीपी का 1.27 प्रतिशत है.
डीटीसी बसों में यात्रियों की संख्या घटी
इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक कोरोना की वजह से दिल्ली में बसों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में कमी आई है. साल 2020-21 में डीटीसी बसों (DTC Bus) में 12.24 लाख और क्लस्टर की बसों में 8.50 लाख लोग सफर करते हैं. कोरोना से पहले के आंकड़ों पर नजर डालें तो डीटीसी बसों में 33.31 लाख और क्लस्टर बसों में 17.71 प्रतिशत लोग सफर करते थे.
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