डीएनए हिंदी: भारत में सरकार ने भले ही क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगा दिया है लेकिन क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होगा. इसका जवाब अभी तक निवेशकों को नहीं मिल पाया है. हालांकि सरकार ने साफ कर दिया है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कभी मान्यता नहीं मिलेगी. वहीं एक बार फिर RBI ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों को आगाह किया है.
Cryptocurrency में निवेश करने को लेकर चेताया
क्रिप्टो समेत तमाम तरह की डिजिटल करेंसी को मंजूरी की राह में साइबर सुरक्षा और डिजिटल धोखाधड़ी मुख्य चुनौतियां बन गईं हैं. मॉनेटरी पॉलिसी की समीक्षा के बाद RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसी वजह से डिजिटल करेंसी से जुड़े खतरों को दूर करने पर पहले ध्यान देने की बात कही है. शक्तिकांत दास ने कहा कि निवेशकों को यह बताना मेरा कर्तव्य है कि वे अगर क्रिप्टोकरेंसी में पैसा निवेश कर रहे हैं तो उन्हें इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि वे अपने जोखिम पर इसमें निवेश कर रहे हैं. ऐसी संपत्तियों को समर्थन करने के लिए कोई अंडरलाइंग एसेट्स नहीं होती है. ''एक ट्यूलिप का फूल भी नहीं." जिन संपत्तियों के सपोर्ट में कोई अंडरलाइंग एसेट्स नहीं होती हैं वे कभी भी भरभराकर गिर सकती हैं और निवेशकों को अपनी जमा-पूंजी हमेशा के लिए खोनी पड़ सकती है.
वित्तीय अस्थिरता पैदा हो सकती है
शक्तिकांत दास ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंता आर्थिक और वित्तीय अस्थिरता को लेकर पैदा हो रही है. साथ ही उन्होने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेशकों की संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर भी पेश किया जा रहा है. 70 फीसदी से ज्यादा निवेशकों ने क्रिप्टो में एक हजार से दो हजार का निवेश किया हो सकता है.
RBI का डिजिटल करेंसी
दरअसल RBI भी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC लाने जा रहा है. इसके कई फायदे हैं तो वहीं साइबर सिक्योरिटी इसके रास्ते में ब्रेकर है. डिजिटल रुपी (Digital Rupee) बिल्कुल फिजिकल रुपी की तरह ही होगी. दोनों की वैल्यू बराबर होगी यानी आपको एक फिजिकल करेंसी के बदले एक डिजिटल करेंसी ही मिलेगी.
डिजिटल करेंसी के फायदे
डिजिटल करेंसी के अपने फायदे हैं.
- डिजिटल करेंसी में धोखाधड़ी की उम्मीद ना के बराबर है
- डिजिटल करेंसी से ऑनलाइन खरीदारी, पैसे का लेन-देन आसान होगा
- डिजिटल करेंसी से ब्लैक इकोनॉमी को खत्म किया जा सकता है
इसका मतलब साफ है डिजिटल जमाने में करेंसी भी डिजिटल होगी. आपकी और हमारी जेब में नोट नहीं होंगे. लेन-देन डिजिटल करेंसी में ही होगा. डिजिटल और क्रिप्टोकरेंसी में बड़ा फर्क ये होता है कि डिजिटल करेंसी सरकार से मान्यता प्राप्त होती है यानी की वो लीगल टेंडर होती है. अब सवाल इस बात का भी है जब RBI अपनी डिजिटल करेंसी जारी कर देगा तो क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वाले निवेशकों का क्या होगा.
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Cryptocurrency: RBI ने निवेशकों को निवेश करने को लेकर किया आगाह, कहा- कभी भी क्रिप्टो बाजार गिर सकता है