डीएनए हिंदी: Cryptocurrency को लेकर लोगों के मन में तमाम उलझनें हैं. कुछ लोग इसमें निवेश कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसमें निवेश करने को लेकर सहमे हुए हैं. वजह है सरकार द्वारा इसका हो रहा विरोध. जानकारी मिली है कि सरकार जल्द ही प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा सकती है.
वहीं इन सबके बीच RBI के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने भी क्रिप्टोकरेंसी पर आपत्ति जता दी है. डी सुब्बाराव ने आशंका जताई कि देश में अगर Cryptocurrency मंजूरी दे दी जाती है. तो इससे RBI पैसे की आपूर्ति और मुद्रास्फीति प्रबंधन पर नियंत्रण खो सकता है.
निर्मला सीतारमण का cryptocurrency पर बयान
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेसवार्ता में कहा था कि देश में प्राइवेट cryptocurrency पर बैन लगाया जायेगा और currency की जगह पर asset का इस्तेमाल किया जायेगा. वहीं केन्द्रीय वित्त मंत्री ने यह भी बयान दिया कि अगर कोई cryptocurrency में निवेश करता हुआ पाया गया तो 1.5 साल की नॉन बेलेबल जेल और 20 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जायेगा.
भारत में cryptocurrency का मार्केट
भारत में अगर cryptocurrency के बाजार की बात की जाए तो पिछले 12 महीनों में यह तेजी के साथ बढ़ा है. भारत में यह 641% की दर से बढ़ा है. 1 करोड़ डॉलर के cryptocurrency का ट्रान्सफर 42% भारत से हुआ है. जो कि किसी भी अन्य देशों की तुलना में कहीं ज्यादा है.
cryptocurrency से भारत की अर्थव्यवस्था पर असर
RBI के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव का मानना है कि ''क्रिप्टो एल्गोरिदम की मदद से चलता है और डर है कि केंद्रीय बैंक धन की आपूर्ति और मुद्रास्फीति प्रबंधन पर नियंत्रण खो सकता है। ऐसी भी चिंताएं हैं कि क्रिप्टो मौद्रिक नीति को बाधित करेगा''
क्या होता है cryptocurrency?
Cryptocurrency क्रिप्टो एल्गोरिदम की मदद से काम करता है. यह पूरी तरह से digital currency है, इसका किसी भी तरह से कोई फिजिकल लेन-देन नही है. इसमें इन्वेस्टमेंट और प्रॉफिट digital signature के जरिये किया जाता है. और इनका रिकॉर्ड cryptography की मदद से रखा जाता है.
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