डीएनए हिंदी: कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के बढ़ते खतरे के बीच वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने राहतभरी खबर दी है. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि ओमिक्रॉन का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर कम पड़ेगा लेकिन लोगों को सावधानी जरूर बरतनी चाहिए.
वित्त मंत्रालय ने अपने मासिक इकोनॉमिक रिव्यू (Economic Review) में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 के असर से तेजी से उबर जाएगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक वैक्सीनेशन (Vaccination) की वजह से ओमिक्रॉन का असर कम होगा और अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.
भारत में टीकाकरण की दर दूसरे देशों की तुलना में बेहद तेज है. 18 वर्ष से ऊपर के 50 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है वहीं 86 फीसदी आबादी को कोरोना का पहला टीका लग चुका है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर लोगों ने कोविड-19 नियमों का पालन नहीं किया और ओमिक्रॉन संकट बढ़ता रहा तो भारतीय अर्थव्यवस्था में आया सुधार प्रभावित हो सकता है.
'कोरोना की दूसरी लहर से मिली सीख आएगी काम'
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर में जो देश ने जो सबक सीखा है वह नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ लड़ाई में काम आएगा. भारत में लगातार हो रहे वैक्सीनेशन के बाद डेल्टा वेरिएंट भी काबू में आ गया था, वहीं ऐसा अनुमान जताया जा रहा है कि ओमिक्रॉन कम खतरनाक है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कोविड टेस्टिंग, वैक्सीनेशन और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन देश को तीसरी कोरोना लहर से बचा सकता है.
देश में मास्क के इस्तेमाल में आई 60 फीसदी गिरावट!
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ सीमित प्रतिबंध देश में ओमिक्रॉन के खतरे को कम कर सकते हैं जिसका अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पडे़गा. नीति आयोग के एक सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने हाल ही में कहा था कि देश में मास्क का इस्तेमाल 60 फीसदी तक गिर गया है. अगर ऐसा ही होता रहा तो देश खतरनाक देशों की सूची में शुमार हो जाएगा.
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