डीएनए हिंदी: Income Tax Exemption Limit In Budget 2024- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले आखिरी बार बजट पेश करने वाली है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी को अंतरिम बजट (Budget 2024) पेश करेंगी. माना जा रहा है कि चुनावी साल में मोदी सरकार टैक्सपेयर्स को आयकर छूट में बढ़ोतरी का तोहफा दे सकती है. कम से कम मध्यम आयवर्ग वाले वोटर्स को लुभाने के लिए पर्सनल इनकमटैक्स की बेसिक एक्जेंपशन लिमिट को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर साढ़े तीन लाख रुपये किया जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि ऐसा होने पर इसका लाभ करीब 7 करोड़ टैक्सपेयर्स को मिलेगा.
साल 2014 में आखिरी बार बदली थी आयकर छूट की सीमा
केंद्र सरकार ने आखिरी बार निजी आयकर छूट की सीमा में बदलाव साल 2014 में किया था, जब पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने केंद्र में सरकार बनाई थी. उस समय आयकर छूट को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये किया गया था. इसके बाद पिछले 10 साल में इस लिमिटमें कोई बदलाव नहीं हुआ है, जबकि मोदी सरकार दो बार अपना कार्यकाल पूरा करने जा रही है.
तीन साल पहले दिया था स्टैंडर्ड डिडक्शन का तोहफा
मोदी सरकार ने भले ही आयकर की बेसिक छूट में 10 साल से कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन तीन साल पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन का तोहफा टैक्सपेयर्स को दिया था. केंद्र सरकार ने सैलरीड क्लास के टैक्सपेयर्स को 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट दी थी. छोटे व्यापार वाले टैक्सपेयर्स इस छूट से वंचित रहे थे. ऐसे में लगातार आयकर छूट बढ़ाने की मांग हो रही है.
छूट सीमा बढ़ने पर अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार
जानकारों के मुताबिक, यदि केंद्र सरकार आयकर छूट की सीमा को बढ़ाएगी तो इसका लाभ अर्थव्यवस्था को भी होगा. वित्त सलाहकारों का कहना है कि छूट की सीमा बढ़ने से मध्य आय वर्ग के लोगों के पास ज्यादा पैसा बचेगा. यह पैसा निश्चित तौर पर बाजार में खर्च किया जाएगा, जिससे खपत और मांग बढ़ेगी. इसका लाभ उद्योगों को भी होगा और इस तरह अर्थव्यवस्था की गति तेज होगी.
सेक्शन 80सी के तहत छूट बढ़ाने की भी हो रही है मांग
आयकर बचाने के लिए फिलहाल इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी का सहारा टैक्सपेयर्स लेते हैं. इसके तहत पीपीएफ (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Scheme), जीवन बीमा आदि में निवेश के जरिये टैक्स छूट ली जाती है. फिलहाल इसके तहत मिलने वाली छूट की लिमिट करीब 1.5 लाख रुपये है, जिसे दोगुना करने की मांग इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया जैसे संगठन कर रहे हैं. साथ ही स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को भी 50,000 रुपये से बढ़ाकर 70 हजार रुपये या एक लाख रुपये करने की मांग हो रही है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Budget 2024 में मिलेगी टैक्स पेयर्स को खुशखबरी? 10 साल बाद इनकम टैक्स छूट पर हो सकता है ये फैसला