डीएनए हिंदी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए देश का बजट (Budget) पेश कर दिया है. इस बजट की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने प्रशंसा करते हुए इसे देश के भविष्य के लिए सकारात्मक बताया है. वहीं एक खास बत यह है कि इस बजट में वित्त मंत्री ने फूड सब्सिडी (Food Subsidy) में बड़ी कटौती की है जिसका जनता पर बुरा असर पड़ सकता है.
80 हजार करोड़ की कटौती
दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में जो बजट पेश किया वो आम जनता के लिए फूड सब्सिडी के लिहाज से झटका साबित हो सकता है. पिछले बजट की अपेक्षा खाद्य सब्सिडी में इस वर्ष 80 हजार करोड़ रुपये कम किए गए हैं. वर्ष 2022-23 के लिये खाद्य सब्सिडी के लिए बजट अनुमान 2,06,831 करोड़ रुपये लगाया गया है,
गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2021-22 में संसोधित अनुमान 2,86,469 करोड़ रुपये था. वहीं उसकी अगर इस वर्ष के बजट से तुलना करें तो पता चलता है कि इस वर्ष बजट में फूड सब्सिडी में 28 फीसदी की भारी-भरकम कटौती की गई है.
क्या होगा इसका असर
वहीं सरकार द्वारा फूड सब्सिडी को लेकर लिए गए फैसले के असर की बात करें तो इससे गरीबों की थाली पर बुरा असर पड़ सकता है. फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Food Corporation of India) किसानों से ऊंचे दाम पर फसल खरीदती है और गरीबों को सस्ते में मुहैया कराती है. इन दामों के बीच का अंतर सरकार सब्सिडी के तौर पर FCI को देती है. सब्सिडी को कम करने से मतलब है कि अब गरीबों को पहले के मुकाबले महंगे दाम पर अनाज मिलेगा और सीधा असर उनकी ही जेब पर पड़ेगा.
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ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि बजट-2022 के मुद्दे पर मोदी सरकार को विरोध का सामना करना पड़ सकता है. वहीं बजट के विभिन्न मुद्दों पर तारीफ करने वाले ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) ने भी फूड सब्सिडी के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा है और अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है.
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