डीएनए हिंदी: केन्द्रीय बजट (Budget) फायदे के साथ कुछ झटके भी लाता है और यही इस बार देश के किसानों के साथ भी हुआ है. एक तरफ बजट में किसानों के लिए MSP पर खरीद के साथ एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के विस्तार की बात कही गई है तो वहीं किसानों को फसल के लिए खाद पर मिलने वाली सब्सिडी में बड़ी कटौती की है जो कि किसानों के लिए झटका माना जा रहा है.
खाद सब्सिडी में बड़ी कटौती
दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने फरवरी की पहली तारीख को वित्त वर्ष 2022-23 में किसानों को एक बड़ा झटका दिया है जिसके तहत वित्त वर्ष 2022-23 के लिए दी जाने वाली खाद सब्सिडी में करीब 35 हजार करोड़ रुपये की बड़ी कटौती की गई है. विश्लेषकों का कहना है कि यह पिछले बजट से करीब 25 फीसदी कम है. बजट की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि अगले वित्तवर्ष के लिए कुल 1,05,222 करोड़ रुपये की खाद सब्सिडी दी जाएगी.
वहीं पिछले साल से तुलना करने पर सामने आया कि यह चालू वित्तवर्ष के लिए बजट में दिए गए 1,40,122 करोड़ रुपये से करीब 35 हजार करोड़ कम है. ध्यान देने वाली बात यह भी है कि 2021-22 के लिए पहले 79,530 करोड़ की ही खाद सब्सिडी दी गई थी जिसे बाद में रिवाइज करके 60,692 करोड़ रुपये बढ़ा दिया गया. केन्द्र की मोदी सरकार ने 2020-21 में 1,27,922 करोड़ रुपये की खाद सब्सिडी दी थी.
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किसानों को लगा है बड़ा झटका
भले ही बजट में न्यूनतम समर्थन मूल्य से लेकर कृषि क्षेत्र में विस्तार के बड़े ऐलान किए गए हों किन्तु किसानों को सबसे ज्यादा निराशा यूरिया खाद पर मिलने वाली सब्सिडी को लेकर हुई है. वित्तमंत्री ने 2022-23 के लिए यूरिया पर 63,222.32 करोड़ की सब्सिडी का ऐलान किया है. वहीं यह आंकड़ा पिछले बजट के रिवाइज एस्टीमेट से भी 17 फीसदी कम है. इसके बाद 42 हजार करोड़ रुपये NPK (नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटाश) फर्टिलाइजर पर सब्सिडी के रूप में दिए है जो चालू वित्तवर्ष के आवंटन से 35 फीसदी कम है.
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