डीएनएन हिंदीः बैंकिंग सेक्टर को आम आदमी से जुड़ा हुआ प्लेटफॉर्म माना जाता है. ऐसे में यदि इस सेक्टर का कामकाज जरा सा भी लचर हुआ तो आम आदमी के कामकाज में तूफान खड़ा हो सकता है. इस वर्ष का आखिरी महीना बैंक के ग्राहकों के लिए कुछ ऐसी ही मुसीबतें लाने वाला है क्योंकि इस महीने कामकाज के कुछ चुनिंदा ही दिन है. वहीं नया मुद्दा बैंक कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर खड़ा हो सकता है.
दो बैंको का निजीकरण
मोदी सरकार IDBI बैंक के अंतर्गत दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को निजीकरण की तरफ ले जाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए सरकार इसी सत्र में संसद में एक विशेष विधेयक भी प्रस्तावित कर सकती है. सरकार का ये कदम वर्ष 2021-22 के वित्तीय बजट के अनुरूप है क्योंकि बजट के दौरान ही विनिवेश का ये ऐलान किया गया था. जानकारी के मुताबिक इसके तहत ही सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लाने वाली है.
बैंक कर्मियों में आक्रोश
मोदी सरकार के इस कदम के खिलाफ अब देश में सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंककर्मी भड़के हुए हैं. इस मुद्दे को लेकर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है. इसके तहत ये लोग 16 दिसंबर से दो दिन की हड़ताल पर रहेंगे. इस दौरान बैंक का पूरा कामकाज ठप रहेगा और सीधा असर बैंक के ग्राहकों पर पड़ने वाला है. आपको बता दें कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस 9 सरकारी बैंकों का एक संगठन है जो कि सरकारी बैंक कर्मचारियों के हक की आवाज उठाता है.
किन बैंकों का होगा विनिवेश
एक तरफ जहां बैंककर्मी हड़ताल पर जाने की धमकी दे रहे हैं तो दूसरी ओर सरकार अपने काम को तेजी से अंजाम देने की ओर बढ़ रही है. सरकार की ओर से बैंकों के विनिवेश पर गठित की गई सचिवों की मुख्य कमेटी ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया के नाम निजीकरण के लिए सुझाए हैं.
निपटा लें सारे काम
सरकार एवं बैंक कर्मियों के इस टकराव के बीच सबसे बड़ी दिक्कत देश के आम नागरिकों को होने वाली है. इस माह बैंक की कुल 16 छुट्टियां प्रस्तावित हैं. इसके विपरीत अब हड़ताल के कारण 2 दिन की अतिरिक्त बंदी हो रही है. ऐसे में आवश्यक है कि आप इस माह बहुत सोच समझकर अपने बैंकिंग सेक्टर से जुड़े कार्यों की प्लानिंग करें वरना आपका काम बीच में अटक सकता है.
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