Bangladesh Unrest Updates: बांग्लादेश में आरक्षण आंदोलन अब राजनीतिक संकट में तब्दील हो गया है. आंदोलन के लगातार हिंसक होने के बीच बांग्लादेशी सेना ने सत्ता को टेकओवर कर लिया है. प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागना पड़ा है. तख्तापलट के बावजूद वहां हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. इस हिंसा में अब तक 300 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. मंगलवार को भी जगह-जगह हिंसक झड़प हुई हैं, जिसमें कई लोगों के मरने और दर्जनों लोगों के घायल होने की खबर है. इसका असर वहां के व्यापार पर भी हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक, अब तक 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. इसका असर भारत और बांग्लादेश के बीच के व्यापार पर भी दिख रहा है. दोनों देशों के बीच करीब 14 अरब डॉलर (11,74,67,56,00,000 रुपये) का कारोबार होता है. एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि हिंसा इसी तरह जारी रही तो यह व्यापार ठप हो सकता है, जिसका असर भारत की खेती-किसानी से लेकर बांग्लादेश की फैशन क्लॉथ इंडस्ट्री तक पर पड़ सकता है.


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दक्षिण एशिया में बड़ा बाजार खो देगा भारत

भारत और बांग्लादेश के बीच पिछले कई साल में आपसी व्यापार बहुत ज्यादा बढ़ गया है. पड़ोसी देश होने के कारण सामान के आने-जाने के लिए सुगम परिवहन व्यवस्था ने दोनों देशों के व्यापर को लगातार बढ़ाया है. कुछ साल पहले तक महज 2 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार साल 2023-24 में 14.01 अरब डॉलर का रहा है. इस व्यापार में भारत की बड़ी हिस्सेदारी है, जिसके लिए बांग्लादेश एक बड़ा बाजार है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, दक्षिण एशिया में बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. 14.01 अरब डॉलर के द्विपक्षीय कारोबार में बांग्लादेश ने महज 1.97 अरब डॉलर का सामान ही भारत को निर्यात किया था, जबकि भारत की तरफ से उसे करीब 12 अरब डॉलर का सामान एक्सपोर्ट किया गया है. 


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दोनों देशों के बीच क्या होता है लेनदेन

बांग्लादेश की इकोनॉमी में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रेडीमेड गार्मेंट्स मेकिंग की है. बांग्लादेश हर साल करीब 46 अरब डॉलर के कपड़े एक्सपोर्ट करता है. भारत में किए गए 1.97 अरब डॉलर के एक्सपोर्ट में भी रेडीमेड गारमेंट्स की हिस्सेदारी सबसे बड़ी है यानी अगर वहां अशांति नहीं खत्म हुई तो भारत में रेडीमेड गारमेंट्स की किल्लत पैदा हो सकती है. साथ ही भारत वहां से जूट और मछली भी लेता है. इसके उलट भारत की तरफ से बांग्लादेश को चावल, गेहूं चीनी, आलू और प्याज जैसे कृषि उत्पादों के साथ ही कपास, मशीनरी, आदि का एक्सपोर्ट होता है. फिलहाल सारा व्यापारिक लेनदेन बंद है. भारत-बांग्लादेश की सीमा पर ट्रकों की लंबी कतार लगी हुई है, जो हालात सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल स्थित निर्यातक और पैटन के प्रबंध निदेशक संजय बुधिया के मुताबिक, दोनों देशों के बीच संकट का भारतीय व्यापार पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. फियो के क्षेत्रीय चेयरमैन (पूर्वी क्षेत्र) योगेश गुप्ता ने भी ऐसी ही बात कही है. 


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इन नामी भारतीय कंपनियों पर होगा बुरा प्रभाव

बांग्लादेश में कई भारतीय कंपनियों ने बड़ा निवेश किया हुआ है. यदि वहां संकट बरकरार रहा तो इन कंपनियों पर बेहद असर पड़ेगा. VIP लगेज निर्माता कंपनी की बांग्लादेश में 8 मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट हैं. मैरिको के इंटरनेशनल रेवेन्यू का 44 फीसदी हिस्सा बांग्लादेश में बिकने वाले प्रॉडक्ट्स से आता है. डाबर, जीसीपीएल और ब्रिटानिया के रेवेन्यू का 5 फीसदी से ज्यादा हिस्सा बांग्लादेश से आता है. डोमिनोज पिच्चा के बांग्लादेश में 28 स्टोर हैं, जिनका जुबिलेंट फूडवर्क्स के रेवेन्यू में 1 फीसदी हिस्सा है. टाटा समूह की कंपनी ट्रेंट की सोर्सिंग कंट्री बांग्लादेश ही है, जिसका असर कंपनी के मुनाफे पर असर दिखाई देगा. भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने बांग्लादेश में अपने ऑफिस 7 अगस्त तक बंद कर दिए हैं. इसके उलट बांग्लादेश के कपड़ा उद्योग के बंद रहने का लाभ भारतीय गारमेंट सेक्टर को मिलेगा, जो बांग्लादेशी कपड़े की क्वालिटी के सामने यूरोपीय बाजार में अपनी जगह नहीं बना पा रहा है. 

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Bangladesh Unrest: भारत-बांग्लादेश में होता है 11,74,67,56,00,000 रुपये का व्याप
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भारत-बांग्लादेश के बीच है 11,74,67,56,00,000 रुपये का व्यापार, जानें कितना होगा असर?

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