डीएनए हिंदी : यूरोप की मल्टीनेशनल ऐरोस्पेस कंपनी एयरबस का कहना है कि उसके मार्केटिंग रिसर्च के अनुसार भारत के बढ़ते बाज़ार को देखते हुए, यहां अगले बीस सालों में 2,210 नए हवाई जहाज़ों की ज़रूरत होगी. कंपनी ने अपनी भविष्यवाणी को भारत में हवाई यात्राओं(Air Traffic) के बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए और उसका अध्ययन करते हुए सामने रखा है.
हर तरह के वायुयान की ज़रूरत पड़ेगी देश को
इस प्रख्यात एयरोस्पेस कंपनी का कहना है कि भारत को अगले बीस सालों में छोटे-बड़े और मध्यम तीनों आकारों के एयर क्राफ्ट की ज़रूरत होगी. इसमें 1770 वायुयान छोटे आकार के होंगे वहीं 440 मध्यम और बड़े आकार के होंगे .
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सबसे तेज़ होगी भारत की अर्थव्यवस्था
कंपनी कहती है कि अगले दशक भर में भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी(Most populated country of the world) वाला देश होगा. कंपनी की भविष्यवाणी के अनुसार भारत G20 समूह के देशों में सबसे अधिक तेज़ी से आर्थिक विकास करेगा. देश का सबसे प्रमुख मध्यमवर्ग हवाई यात्राओं पर अधिक खर्च करना शुरू करेगा. फलतः देश में 2040 तक हवाई यातायात हर साल 6.2% की दर से बढ़ता जाएगा. यह रफ़्तार भी सभी बड़े और विकसित देशों के बीच सबसे तेज़ होगी क्योंकि उस दरमियान वैश्विक तौर पर हवाई यातायात(Air Traffic) केवल औसतन 3.9% बढ़ेगा.
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में अन्य की तुलना में केवल भारत की भागीदारी केवल दसवें हिस्से के बराबर है, जिसकी वजह से घरेलू उड्डयन कंपनियों को लाभ वाले रुट्स से कोई विशेष फ़ायदा नहीं मिल पाता क्योंकि अधिकतर इस संकाय में विदेशी एयरलाइन्स ही हैं. एयरबस इंडिया और साउथ एशिया के प्रेजिडेंट और MD रेमी मेललार्ड का कहना है कि, "हमने भारत के घरेलू उड्डयन बाज़ार को अपने A320 एयरक्राफ्ट के साथ तेज़ी से बढ़ते देखा है. अब समय आ गया है कि भारत की विमान सेवा कंपनियां अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में हाथ डालें और देश के नागरिक, आर्थिक और भौगोलिक विकास में बढ़ोतरी करे."
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