रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध (Russia-Ukraine War) के कारण नतीजे वैश्विक स्तर पर भयावह होते जा रहे हैं जिसका नुकसान रूस को भी हो रहा है और रूस वैश्विक स्तर पर आर्थिक चपत झेल रहे हैं. रूस के अनेकों उद्योगपति इस समय बुरी आर्थिक स्थिति से गुजर रहे हैं और यह सब पुतिन की युद्ध नीति के कारण हो रहा है.
Slide Photos
Image
Caption
दरअसल, यूक्रेन पर हमला करने के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फैसले के बाद रूस को कई मोर्चों पर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है. इससे रूस का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है. इसके चलते रूस के शेयर बाजारों में गिरावट का दौर जारी है. इससे रूस के अरबपतियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
Image
Caption
खबरों के मुताबिक दुनिया के टॉप-500 अमीरों में शामिल रूस के अरबपतियों की कुल संपत्ति में अब तक 83 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है. इसकी प्रमुख वजह रूस के शेयर बाजारों में भारी गिरावट है. बाजार में इतनी ज्यादा गिरावट आई कि रूस के केंद्रीय बैंक को ट्रेडिंग तक रोकनी पड़ी और घाटे का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है.
Image
Caption
यूक्रेन पर हमले से नाराज यूरोपीय संघ ने रूस के सबसे अमीर लोगों में शामिल मेटल टायकून अलीशर उस्मानोव (Alisher Usmanov), अल्फा ग्रुप के ओनर्स मिखाइल फ्रिडमैन (Mikhail Fridman) और पेट्र एवेन (Petr Aven) और स्टील मैग्नेट एलेक्सी मोर्दाशोव (Alexei Mordashov) पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसका असर पुतिन के लंबे समय तक प्रवक्ता रहे दिमित्री पेसकोव और कुछ वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की संपत्ति भी कम हो गई है और अब वो घाटे की मार झेल रहे हैं.
Image
Caption
अरबपतियों के नुकसान की बात करें तो लुकोइल पीजेएससी के चेयरमैन वागिट अलेकपेरोव की कुल संपत्ति में करीब 13 अरब डॉलर की गिरावट आई है.गेनेडी टिमचेंको की दौलत में 10.6 अरब डॉलर की कमी आई है. इसके अलावा फेलो नोवाटेक के शेयरधारक लियोनिद मिखेलसन ने 10.2 अरब डॉलर गंवाए हैं. अब्रामोविच को करीब 5 अरब डॉलर की चपत लगी है.
Image
Caption
खबरों के मुताबिक अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन समेत कई देशों की ओर से प्रतिबंधों की चौतरफा मार झेल रहे रूस की लंदन में सूचीबद्ध रूसी कंपनियों के शेयरों में 50 फीसदी से ज्यादा गिरावट देखने को मिली है. वहीं कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई, उनमें गैस उत्पादक कंपनी नोवाटेक (Novatek) से लेकर स्टील उत्पादन कंपनी सेवरस्टल (Severstal) तक शामिल हैं और इनके मालिकों को लगातार नुकसान झेलना पड़ रहा है.