बचत योजनाओं का आज भी जनता द्वारा सर्वाधिक उपयोग किया जाता है. ऐसे में पब्लिक प्रोविडेंट फंड सबसे लोकप्रिय सेवानिवृत्ति बचत योजनाओं में से एक है. इस योजना में हर साल लाखों लोग निवेश करते हैं. सरकार द्वारा समर्थित इस योजना में कम से कम 500 रुपए और अधिकतम 1,50,000 रुपए के वार्षिक योगदान के साथ लगभग कोई भी निवेश कर सकता है.
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आपका पीपीएफ योगदान अर्जित ब्याज और परिपक्वता राशि आईटी अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर से मुक्त है. पीपीएफ से वर्तमान में 7.1 फीसदी प्रति वर्ष की ब्याज दर मिलती है. यह ईपीएफ के बाद जोखिम मुक्त बचत योजनाओं में सबसे अधिक ब्याज दरों में से एक है. पीपीएफ खाताधारक कुछ शर्तों के तहत अपने खाते पर सिर्फ 1 फीसदी सालाना ब्याज पर कर्ज भी ले सकते हैं.
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पीपीएफ खाते की परिपक्वता अवधि 15 वर्ष है लेकिन विशिष्ठ नियमों के तहत आप समय से पहले अपनी रकम निकालकर कर खाता बंद कर सकते हैं. यदि आप भी पीपीएफ से समय से पहले रकम निकालना चाहते हैं तो आपको नीचे दिए गए इन पांच नियमों के बारे में जान लेना चाहिए.
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पीपीएफ खाते की मेच्योरिटी वैसे तो 15 साल है लेकिन आप पहले भी रकम निकाल सकते हैं. हालांकि, इसके लिए कम-से-कम आपको 5 साल का इंतजार करना होगा. उदाहरण के लिए यदि आपने जनवरी 2022 में पीपीएफ खाता खोला तो आपको समय से पूर्व पैसा निकालने के लिए 2027 का इंतजार करना होगा. हालांकि, इसमें एक और शर्त है.
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पांच साल गिनने का तरीके में खाता खोलने के वर्ष में शामिल नहीं है. यानी 2022 में खाता खोलने पर आपको 2027 नहीं 2028 का इंतजार करना होगा. इंडिया पोस्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार, निवेशक 5 साल के बाद केवल एक बार इस निकासी का लाभ उठा सकता है.
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इसके साथ ही आप 15 साल से पहले अपने खाते की सारी रकम नहीं निकाल सकते. इसका मतलब है कि आप 5 से 14 साल के बीच कभी भी राशि निकालें लेकिन आपको खाते में उस वक्त मौजूद 100 फीसदी रकम नहीं मिलेगी.
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खाते की रकम को पांचवे साल में 50 प्रतिशत तक निकाला जा सकता है. पीपीएफ एक कर-मुक्त योजना है, इसलिए आपको समय से पहले निकासी के दौरान कोई कर नहीं देना पड़ता है. आपके पीपीएफ खाते से समय से पहले निकासी करने पर भी कोई शुल्क नहीं लगता है.