टाटा ग्रुप, अडानी ग्रुप, रिलायंस ग्रुप, महिंद्रा ग्रुप, बजाज ग्रुप ऐसे कई कारोबारी घरानों को लिया जा सकता है जिनकी तूती सिर्फ देश में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बोलती है. इन कारोबारी घरानों ने अपने बिजनेस एंपयार को खड़ा करने में बड़ी मेहनत की है. फिर चाहे वो रतन टाटा (Ratan Tata) हों, या धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani). इस फेहरिस्त में हम आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) को भी ले सकते हैं. इन लोगों की यूएसपी यह रही कि सभी आम लोगों की तरह आम लोगों से कनेक्ट हुए. उन्होंने खुद उनके बीच जाकर काम किया. आनंद महिंद्रा अक्सर सोशल मीडिया के माध्यम से उन लोगों से कनेक्ट होते हैं. इन बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने अपने शुरूआती दिनों में ऐसी चीजों को अपनाया जिससे उनका कारोबार लगातार बढ़ता रहा और सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया.
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सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में रतन टाटा का कद काफी बड़ा है. वो देश के कारोबारियों से काफी अलग भी हैं. उन्हें आम जनता के साथ कनेक्ट करना काफी अच्छे से आता है. साथ ही उन्हें कभी भी अपने कर्मचारियों के बीच रहकर काम करने में कभी हिचक नहीं हुई, इसका कारण भी है क्योंकि उनकी शुरुआत भी इन्हीं के बीच से हुई थी. टाटा स्टील में मामूली कर्मचारी के रूप में अपना करियर शुरू किया था 90 के दशक की शुरुआत में उन्होंने पूरे ग्रुप की कमान संभाली. आम लोगों की कार के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने टाटा नैनो लांच की. भले ही वो कार फ्लॉप हो गई हो, लेकिन उन्होंने इस गाड़ी को आम लोगें तक पहुंचाने के लिए खुद चलाना शुरू किया. ताकि यह गाड़ी आकर्षण का केंद्र बन सके. जब ताज होटल में आतंकी हमला हुआ तो वो खुद पीड़ित लोगों से मिलने पहुंचे और उनकी पूरी मदद की. यहां तक कि उन्होंने होटल के आसपास ठेले वालों की भी मदद की जो इस हमले में प्रभावित हुए थे. मौजूदा समय में वो देश के उन युवाओं और स्टार्टअप को प्रमोट कर रहे हैं जो मार्केट में इनोवेटिव आइडिया लेकर आ रहे हैं.
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मुकेश अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी किसी पहचान के मोहताज नहीं है. मुकेश अंबानी के रिलायंस के 200 अरब डॉलर से ज्यादा के एंपायर की नींव धीरूभाई अंबानी ने ही रखी थी. रिलायंस इतनी सफल क्यों हैं, क्योंकि इसके लिए धीरूभाई ने कंपनी कर्मचारियों के साथ आम लोगों से खास कनेक्ट रखते थे. जो भी रिलायंस का शेयर खरीदता था वो हर साल उन्हें डिविडेंड देने के साथ खास तोहफा भी देते थे. 90 के दशक में धीरूभाई अंबानी की ओर से देश के लाखों शेयरधारकों को हर साल डिविडेंड लेटर के साथ विमल क्लोदिंग का डिस्काउंट कूपन भी भेजते थे, जो देश के चुंनिंदा डीलर्स पर यूज हो सकता था. इस खास तोहफे का इंतजार लाखों शेयरहोल्डर्स को होता था. जिसे बाद में बंद कर दिया गया था. अब मुकेश अंबानी ने इस परंपरा को दो साल पहले फिर शुरू किया है. मुकेश अंबानी ने अपने शेयर होल्डर्स को रिलायंस हॉस्पिटल का डिस्कांउट कूपन भेजना शुरू किया है, जहां पर इलाज कराने पर 15 फीसदी का डिस्काउंट मिलेगा.
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अहमदाबाद के एक चॉल में पैदा हुए गौतम अडानी दुनिया के टॉप 10 अमीरों में से एक हैं. वो भारत के ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे अमीर शख्स भी हैं. उन्होंने अपने कारोबार को बढ़ाने में काफी मेहनत की है. मुंबई में डायमंड सॉर्टर से शुरूआत करने वाले गौतम अडानी ने दुनिया की सबसे बड़ी ग्रीन एनर्जी इंडस्ट्री स्थापित करने का ऐलान किया है. हाल ही में उन्होंने अपने जन्मदिन से एक दिन पहले 60 हजार करोड़ रुपया दान करने का ऐलान किया था. जिसके बाद पूरी दुनिया की नजरें उन पर आ गई थी. भले ही उनका कारोबार दुनियाभर में फैला हुआ हो, लेकिन वो आज भी अहमदाबाद यानी गुजरात को जन्मभूमि के साथ कर्मभूमि मानते हैं. अडानी ग्रुप का हेड क्वार्टर अहमदाबाद में ही हैं. उनका कहना है जिसने मुझे पाला-पोसा, कामयाब बनाया वो जगह को कैसे छोड़ सकते हैं. यह शहर उनके परिवार की तरह है और परिवार के साथ रहा जाता है उसे छोड़ा नहीं जाता.
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महिंद्रा ग्रुप देश के सबसे बड़े ग्रुप में से हैं. जिसके सीईओ आनंद महिंद्रा हैं. आनंद महिंद्रा की देखरेख में ग्रुप का कारोबार काफी बढ़ा है. बीते एक दशक में उनकी मौजूदगी से महिंद्रा ग्रुप में काफी तेजी भी आई है. खासकर महिंद्रा एंड महिंद्रा में, जिसके वो चेयरपर्सन भी है. उनका बिजनेस करने का तरीका काफी अलग है. वो सोशल मीडिया यानी ट्विटर पर काफी एक्टिव रहते हैं और आम लोगों से कनेक्ट करते हैं. आम लोगों में भी उनके प्रति काफी विश्वास है. जब भी वो देश के किसी भी तरह का इनोवेशन होते हुए देखते हुए तो वो उसकी तारीफ ही नहीं करते बल्कि उसे प्रमोट करते हैं और उन्हें महिंद्रा की गाड़िया भी गिफ्ट करते हैं. साथ ही वो खुद अपने प्रोडक्ट्स को अपने सोशल मीडिया प्रमोट करते हैं. इससे उनके कारोबार के साथ पर्सनल कनेक्शन साफ देखने को मिलता है.
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बजाज ग्रुप अब काफी डायवर्सिफाइ हो गया है. ग्रुप अब कई सेक्टर्स में आगे बढ़ रहा है, लेकिन एक समय ऐस भी जब टू-व्हीलर का नाम लिया जाता था तो हमारा बजाज ही जुबां पर चढ़ता था. गुढ़गांव में एक शेड से बजाज स्कूटर की शुरूआत हुई थी, उसके बाद तो देश में टू-व्हीलर सेक्टर में एक क्रांति आ गई. लोगों को एक स्कूटर की बुकिंग करने के बाद घर लाने के लिए लिए सालों लग जाते थे. यह करिज्मा यूं ही नहीं क्रिएट हुआ. इसके पीछे राहुल बजाज की भी काफी मेहनत भी. 1960 में बजाज आॅटो की कमान अपने हाथों में लेने के बाद उन्होंने बजाज को हर घर की जरुरत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, यह सिलसिला 50 सालों तक जारी रहा. भले ही आज राहुल बजाज हमारे बीच ना हों, लेकिन उनका बजाज आम लोगों में हमेशा जिंदा रहेगा.
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ग्लोबल शेयर बाजार और क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को अपनी उंगलियों पर नचाने वाले एलन मस्क एक दिन पहले ही 51 साल के हुए हैं, लेकिन दुनियाभर के लोगों को उनपर विश्वास इतना जबरदस्त है कि जब भी वो सोशल मीडिया पर कुछ लिखते हैं उसे दुनियाभर के लोग फॉलो करने लग जाते हैं. स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ और दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क की असली कमाई आम लोगों का उनपर भरोसा है. वो किसी भी नए इनोवेशन को करने में हिचकिचाते नहीं है. जब भी वो कई गाड़ी या रॉकेट लांच करते हैं तो वो खुद लोगों के बीच होते हैं और इस बात की जानकारी देते हैं. वो खुद गलत और सही की जिम्मेदारी लेते हैं. इसलिए वो आज दुनिया के सबसे कामयाब कारोबारी भी हैं.
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अपनी 90 फीसदी से ज्यादा नेटवर्थ दान में देने का ऐलान कर चुके 91 वर्ष के वॉरेन बफे दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों में से एक हैं. उन्होंने दुनिया को बताया कि कैसे समझदारी के साथ पैसा बनाना है. उनकी जिंदगी के दो अहम रूल हैं, पहला अपने पैसों को कभी खोना नहीं है और दूसरा कि पहले रूल को कभी भूलना नहीं है. उन्होंने पूरी दुनिया को सिखाया कि कैसे बचपन से अपने बच्चों को पैसा बचाने और कमाने की कला को सिखाया जा सकता है. उन्होंने खुद 11 साल की उम्र में मैग्जीन और कोकाकोला की बोतल बेचकर अपना जेब खर्च निकालते थे. आज भी वो दुनियाभर के युवाओं को सीख दे रहे हैं. जब वो 13 साल के थे उन्होंने अपना पहला इनकम टैक्स रिटर्न भरा था. अब आप समझ सकते हैं कि उस उम्र में उनकी कितनी कमाई होगी. उन्होंने आम लोगों हमेशा से कहा कि जब भी वो कहीं पैसा निवेश करें लंबी अवधि के लिए करें ताकि वो आपको रिटर्न भी उतना ही ज्यादा दे सकें.
Short Title
टाटा से अंबानी और बफे से मस्क तक ने कैसे खड़ा किया अपना बिजनेस एंपायर