Google के बग बाउंटी प्रोग्राम ने हाल फिलहाल में ही खुलासा किया है कि उसने साल 2021 में अपने Vulnerability Reward Program के एक हिस्से के रूप में अपने सॉफ्टवेयर में कमजोरियों की खोज के लिए बगस्मिरर टीम के अमन पांडे को लगभग 65 करोड़ का भुगतान किया है. यहां हम कुछ ऐसे ही लोगों के बारे में जानेंगे जिन्होंने अपने बग्स की खोज कर के गूगल से लाखों के रिवॉर्ड जीत लिए.
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विष्णु प्रसाद पीजी को साल 2017 में गूगल ने चार बग्स की खोज के लिए 5,000 डॉलर (8.7 लाख रुपये) से सम्मानित किया था. उस समय उन्हें गूगल की रैंकिंग के मुताबिक 1,500 से ज्यादा बग हन्टर्स के बीच 46वां स्थान मिला था.
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साल 2016 में Google के क्लाउड प्लेटफार्म के साथ हेमंत जोसेफ (Hemant Joseph) ने ढेर सारे बग्स निकाले थे. बग्स निकालने के लिए गूगल ने हेमंत को 7,500 डॉलर (5.66 लाख रुपये) का इनाम दिया था. हेमंत ने प्रोडक्ट्स को यूजर्स के लिए सिक्योर करने के लिए एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, AT&T और ट्विटर सहित 45 से ज्यादा कंपनियों की मदद की है.
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जून 2020 में कानपुर के रहने वाले राहुल सिंह ने सिर्फ एक महीने में गूगल प्रोडक्ट्स में कुल तीन बग खोज निकाले. गूगल को जब राहुल ने बग के बारे में बताया था तब उसे कंपनी ने 500 डॉलर (40,000 रुपये) दिया था. अंत में जब राहुल ने तीनों बग ठीक कर दिए तब कंपनी ने उन्हें 3,133.7 (2.36 लाख रुपये) इनाम के तौर पर दिया.
एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स को सिक्योर करने के लिए लगातार कोशिश करती रहती हैं. हालांकि इन सबके बीच भी कुछ बग्स छूट जाते हैं जो उनके सिक्योरिटी में खलल डाल सकते हैं. यहीं से शुरू होता है बग बाउंटी प्रोग्राम. इस प्रोग्राम के तहत कंपनियां साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स और एथिकल हैकर्स को इनाम देती हैं. ये लोग उनकी सर्विसेज में बग्स को खोजते हैं और उन्हें इसके बारे में बताते हैं.