एक युद्ध अनेकों मुसीबतें लाता है जिसका असर ना केवल लड़ने वाले देशों पर पड़ता है बल्कि अन्य देशों की भी मुश्किलों में भी बढ़ोतरी होती है. कुछ ऐसा ही असर रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के कारण भारत पर भी पड़ सकता है जिसमें महंगाई की बड़ी मार की आशंकाएं हैं. ध्यान देने वाली बात यह है की इस युद्ध का बुरा असर भारत के रियल इस्टेट सेक्टर पर भी पड़ सकता है.
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रूस और यूक्रेन संकट के कारण जानकारों का मानना है कि भारत में सीमेंट की कीमतें नए शिखर तक पहुंच सकती हैं और भारत में रियल एस्टेट सेक्टर पर भी इस युद्ध का भयावह असर पड़ सकता है और आने वाले महीनों मे यहां घरों की कीमत बढ़ सकती है.
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इस युद्ध को लेकर जानकारों का कहना है कि महंगे कच्चे तेल से ट्रांसपोर्टेशन की लागत बढ़ेगी और इसका सीधा असर सप्लाई चेन पर पड़ने वाले रॉ मैटेरियल की कीमतों पर भी पड़ेगा. इसके चलते निर्माण गतिविधियों की लागत बढ़ जाएगी.
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वहीं खबरें यह भी है कि देश में मुद्रास्फीति को बढ़ने से रोकने के लिए आरबीआई अपनी अकोमोडेटिव स्टैंस में बदलाव कर सकता है. इसका असर होम लोन के ब्याज दरों पर पडे़गा और लोगों को घर महंगी कीमत पर मिलेगा.
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इस मामले में रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी क्रेडाई (CREDAI) के प्रेसिडेंट हर्षवर्धन पटोदिया ने बताया है कि सीमेंट बनाने वाली कंपनियां पहले से रॉ मैटेरियल और एनर्जी की बढ़ती कीमतों से दबाव में थीं लेकिन सप्लाई चेन के कारण अब उन पर और दबाव पड़ेगा.
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हर्षवर्धन पटोदिया समेत अन्य जानकरों ने बताया है कि आखिर में युद्ध का असर रियल एस्टेट इंड्स्ट्री पर भी दिखेगा. उन्होंने कहा है कि कच्चे तेल के कारण रियल इस्टेट में कीमतें बढ़ सकती हैं. रॉ मैटेरियल की कीमतें 20-30 फीसदी बढ़ने से डेवलपर्स ने प्रोजेक्ट की कीमतें बढ़ाई हैं. ऐसे में घर खरीदना पहले से अधिक महंगा हो जाएगा.