डीएनए हिंदी: कोरोना महामारी के बाद कई लोगों ने पैसे की समस्या को दूर करने या अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए कृषि भूमि को बेचकर धन जुटाया होगा. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) इस पैसे पर भी टैक्स वसूल करता है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
असलियत में आयकर अधिनियम 1961 (Income Tax Act 1961) के तहत किसी भी कृषि भूमि को पूंजीगत संपत्ति नहीं माना जाता है जब तक कि वह कुछ प्रावधानों को पूरा नहीं करती है. ऐसे में अगर आपकी जमीन पूरी तरह से कृषि योग्य जमीन है तो उसे बेचकर मिलने वाली रकम पूरी तरह से आयकर के प्रावधानों से बाहर हो जाएगी.
कब लगाया जाता है टैक्स
अगर कोई कृषि भूमि नगर पालिका या छावनी बोर्ड के दायरे में आती है जिसकी आबादी 10 हजार से कम नहीं है या नगरपालिका या छावनी बोर्ड के 2 से 8 किलोमीटर के भीतर आती है,जिसकी आबादी 10 हजार से 1 लाख के बीच है तो ऐसी कृषि भूमि को बेचने पर पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax) का भुगतान करना होगा.
हालांकि आयकर प्रावधानों में यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि कृषि भूमि की बिक्री पर कब कर नहीं लगेगा और कब कर लगाया जाएगा लेकिन अगर इन दोनों मामलों के बाहर की जमीन बेची जाती है तो यह कर के दायरे में नहीं आएगी. अगर कृषि भूमि को पूंजीगत संपत्ति के रूप में माना जाता है तो आपको इसे बेचने पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर देना पड़ सकता है. वो भी तब जब आपने 24 महीने से ज्यादा समय तक जमीन को अपने पास रखा हो.
कैसे मिलेगा टैक्स छूट
धारा 54B: इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) की इस धारा के तहत अगर आपने कृषि भूमि बेचकर पैसा कमाया है और उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना है तो आप दो साल के भीतर दूसरी कृषि भूमि खरीदकर इस पैसे से टैक्स देने से बच सकते हैं. अगर आप दो साल के भीतर दूसरी कृषि भूमि नहीं खरीद पा रहे हैं तो धारा 139 के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करने से पहले आप उस राशि को पूंजीगत लाभ खाता योजना में जमा कर सकते हैं. इस पर आपको टैक्स में छूट भी मिलेगी.
धारा 54EC: यदि आप 6 महीने के भीतर बांड में कृषि भूमि की बिक्री से पूंजीगत लाभ का निवेश करते हैं तो भी कर छूट का दावा किया जा सकता है. इस तरह एक वित्तीय वर्ष में 50 लाख रुपये पर एलटीसीजी (LTCG) का लाभ उठाया जा सकता है.
धारा 54F: अगर आप कृषि भूमि की बिक्री से प्राप्त धन से घर बनाते हैं तो भी LTCG छूट के लिए दावा किया जा सकता है. अगर आप तय समय में इस रकम को घर के निर्माण में नहीं लगा सकते हैं तो आप इसे बैंक की कैपिटल गेन अकाउंट स्कीम में जमा कर सकते हैं. यहां यह ध्यान रखना होगा कि आप घर के निर्माण में जितनी राशि का निवेश करेंगे उसमें छूट मिलेगी. साथ ही, करदाता के पास एक से अधिक घर नहीं होने चाहिए.
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Income Tax Update: अगर आपके पास है कृषि भूमि, तो इसे बेचने पर लगेगा इतना टैक्स