डीएनए हिंदी: कैसा हो कि आपका ऑफिस गांव की शांति और सुकून में शिफ्ट हो जाएं. हरे-भरे पेड़-पौधों और पहाड़ों के बीच. ये बातें हवा-हवाई नहीं हैं कई देश ऐसा कर रहे हैं. नौकरी की तलाश में गांव धीरे-धीरे शहर में समाते जा रहे हैं. देश के गांव में से 100 में से 37 लोग शहरों की तरफ चले जाते हैं. गांव से माइग्रेशन यानी बेहतर लाइफस्टाइल के लिए गांव को छोड़कर शहरों (Life in City) की तरफ आने का कल्चर हमेशा से रहा है जो दिन पर दिन बढ़ रहा है. मुंबई में हर घंटे 50 नए लोग रहने आ रहे हैं.  2011 तक दिल्ली का 98 प्रतिशत हिस्सा शहरी था जो साल 2036 तक 100 प्रतिशत तक हो जाएगा. अब शहर की कैपेसिटी तो इतनी है नहीं. शहरों में स्पेस और सर्विस लिमिटेड हैं लेकिन लोग अनलिमिटेड हैं जिसकी वजह से कई समयाएं सामने आ रही हैं. एजुकेशन, हेल्थ, रहने के लिए घर, पीने के लिए पानी, साफ-सफाई  जैसी बेसिक चीजें भी नहीं मिल पाती हैं.

कर्मचारियों को गांव में काम करने का ऑफर

लोग बढ़ रहे हैं तो प्रदुषण स्तर भी बढ़ा और देश के कई शहरों की हवा जहरीली हो गई. इतना ही नहीं शहरों में पीने का पानी भी खतम हो रहा है. दुनिया के कुछ देश पहले ही इस तरफ कदम उठा चुके हैं. उनका मानना है कि अगर शहरों को बचाना है तो हमें गांव की तरफ रुख करना होगा. पुर्तगाल ने अपने कर्मचारियों को एक ऑफर (Offer for worker) दिया है जो वर्कर एक साल तक गांव में रहकर वहीं से काम करेंगे उन्हें इसके बदले लगभग 4 लाख रुपये दिए जाएंगे. वहीं आयरलैंड में चार सौ से ज्यादा रूरल सिनेमा, थिएटर और टाउनहॉल्स को कोवर्किंग स्पेस में बदला जा रहा है. यहां हाई स्पीड ब्रॉडबैंड से लेकर ऑफिस की सभी सुविधाएं मिल रही हैं. ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स ने बिजनेस को गांव की तरफ आकर्षित करने का प्लान बनाया है. इसमें सरकार कंपनी को प्रति कर्मचारी 5 लाख रुपये बतौर इंसेंटिव देगी. साउथ इटली में कुछ गांव ऐसे हैं जहां स्टार्टअप शुरू करने पर 16 लाख रुपये तक का ग्रांट मिल रहा है.  

छोटी जगहों का विकास

कोरोना के बाद से भारत में भी कई कंपनियां हाई ब्रिड कल्चर और वर्क फ्रॉम होम अपना रही हैं. TCS, Infosys, IBM, Accenture जैसे multinational से लेकर स्टार्टअप तक सभी छोटे शहरों में हायरिंग कर रहे हैं. और बड़े शहरों में ऑफिस के नाम पर सिर्फ एक्सपीरियंस सेंटर हैं यानी शहरों पर बोझ कम और छोटी जगहों के विकास (development) पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है.

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Hybrid Work Culture: Changes in work culture, 5 lakh rupees will be available for working in the village
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Hybrid Work Culture: वर्क कल्चर में हो रहा बदलाव, गांव में रहकर काम
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Hybrid Work Culture: वर्क कल्चर में हो रहा बदलाव, गांव में रहकर काम करने पर मिलेंगे 5 लाख रुपये