डीएनए हिंदी: आज के समय में महंगाई इतनी बढ़ गई है कि सिर्फ बचत के दम पर आपका काम नहीं हो सकता. ऐसे कई मौके आते हैं जब लोगों को घर खरीदते या बनाते समय, कार खरीदते समय, शिक्षा के लिए, मेडिकल इमरजेंसी आदि के मामले में बैंक या किसी अन्य जगह से कर्ज लेने की जरूरत पड़ती है. अगर आप भी कर्ज लेने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए एक अच्छा क्रेडिट स्कोर (Credit Score) होना बहुत जरूरी है. बता दें कि क्रेडिट स्कोर तय करता है कि आपको लोन दिया जाए या नहीं या कितना लोन दिया जाए. सरल शब्दों में कहें तो आपका क्रेडिट स्कोर ऋण लेने के लिए आपकी पात्रता तय करने में एक बड़ी भूमिका निभाता है. अगर आप भी लोन लेने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको क्रेडिट स्कोर से जुड़ी इन बातों के बारे में जरूर पता होना चाहिए.
आपका क्रेडिट स्कोर कैसे निर्धारित किया जाता है?
क्रेडिट स्कोर को सिबिल स्कोर (CIBIL Score) भी कहा जाता है. यह व्यक्ति के क्रेडिट रिकॉर्ड की रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया जाता है. क्रेडिट स्कोर तय करते समय यह देखा जाता है कि आपने अब तक कितना कर्ज लिया है, समय पर चुकाया है या नहीं. आपका क्रेडिट स्कोर जितना ज्यादा होगा, लोन उतना ही आसान होगा.
कौन तय करता है ये स्कोर
सभी क्रेडिट ब्यूरो आपका क्रेडिट स्कोर जारी करते हैं. इनमें ट्रांसयूनियन सिबिल (TransUnion CIBIL), इक्विफैक्स (Equifax), एक्सपेरियन (Experian) और सीआरआईएफ हाईमार्क (CRIF Highmark) जैसी क्रेडिट सूचना कंपनियां शामिल हैं, जिन्हें इस डेटा के आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट / क्रेडिट स्कोर एकत्र करने, बनाए रखने और उत्पन्न करने के लिए लाइसेंस मिला है. क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच तय होता है. आमतौर पर 750 से ऊपर के स्कोर को अच्छा स्कोर माना जाता है.
क्रेडिट स्कोर कम होने पर पड़ेगा असर
बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्होंने कभी कर्ज नहीं लिया और न ही वे क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं उनका क्रेडिट स्कोर काफी अच्छा होगा और उन्हें आसानी से कर्ज मिल जाएगा. हालांकि यह अवधारणा गलत है अगर आपने कोई ऋण नहीं लिया है और क्रेडिट कार्ड नहीं है, तो क्रेडिट सूचना कंपनियां यह नहीं जान पाएंगी कि आपको ऋण के मामले में जोखिम की श्रेणी में रखा जाए या नहीं. इस मामले में आपके पास कोई क्रेडिट स्कोर नहीं है. अगर आपका क्रेडिट स्कोर नहीं है तो कई वित्तीय संस्थान आपको लोन देने से हिचकिचाते हैं.
क्रेडिट स्कोर में सुधार कैसे करें
- उतना ही कर्ज लें, जिसकी किस्त समय पर चुका सकें.
- ईएमआई का भुगतान समय पर करें.
- क्रेडिट कार्ड के ज्यादा इस्तेमाल से बचें और ज्यादा पर्सनल लोन न लें.
- जरूरत पड़ने पर ही कर्ज लें.
- अपने ऋण की गारंटी देने वाले व्यक्ति पर नज़र रखें क्योंकि गलत लेनदेन भी आपके स्कोर को प्रभावित करते हैं.
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