डीएनए हिंदी: अगर आप अपने शुरुआती दिनों में ही रिटायरमेंट प्लान के लिए तैयारी करते हैं तो आने वाले समय में आप अपने लक्ष्य को पा सकते हैं. इक्विटी बाजारों में वोलाटिलिटी की वजह से कंज्यूमर आज के समय में पैसा बनाने के लिए सरकार समर्थित लघु बचत कार्यक्रमों में निवेश कर रहे हैं. ऐसा करने का एक तरीका भविष्य निधि (Provident Fund) में अधिक योगदान करना है. VPF या स्वैच्छिक भविष्य निधि, ऐसे मामले में निश्चित आय बाजार में एक बुद्धिमान निवेश माना जा सकता है.
VPF योजना क्या है?
स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) उन योजनाओं में से एक है जो कर्मचारियों को निश्चित आय क्षेत्र भविष्य निधि (PF) में अपना योगदान बढ़ाने की अनुमति देता है. यह भारत में काम करने वाले किसी भी कर्मचारी के लिए बेहतर निवेश है. इसमें 8.10 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न मिलता है. लोग इस योजना में निवेश करके इनकम टैक्स एक्ट 80C के तहत टैक्स में छूट भी पा सकते हैं. इसमें मैच्योरिती पर मिलने वाले रिटर्न पर भी टैक्स नहीं लगता है.
कर्मचारी PF में कैसे निवेश कर सकते हैं?
अगर आप चाहते हैं तभी आपके वेतन से VPF काटा जाता है. स्वैच्छिक भविष्य निधि में अंशदान का चयन करके एक ईपीएफ खाताधारक अपने ईपीएफ खाते में अतिरिक्त योगदान करने का विकल्प चुन सकता है.
कर्मचारी को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनका वार्षिक योगदान, उनके मंथली EPF और VPF योगदान के साथ सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा न हो. VPF (Voluntary Provident Fund) के जरिए कितना निवेश करना है, यह जानने के लिए आप अपने वेतन से अपने EPF योगदान की जांच कर सकते हैं या आप अपने बेस वेज से 12% घटाकर आवश्यक EPF योगदान निर्धारित कर सकते हैं.
वीपीएफ प्रोग्राम में रुचि रखने वाला कोई भी व्यक्ति अपने वेतन की किसी भी राशि को भविष्य निधि (PF) में निवेश कर सकता है. योगदान की राशि बेसिक सैलरी के 12% से अधिक नहीं होनी चाहिए. हालांकि नियोक्ता को VPF में कोई योगदान करने की जरुरत नहीं है.
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