डीएनए हिंदी: कच्चे तेल (Crude Oil Price) और खाद्य तेलों (Edible Oil Price) सहित वैश्विक वस्तुओं की कीमतों में कुछ नरमी के बीच, गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि भारत की थोक महंगाई (Wholesale Inflation) जून में थोड़ी कम होकर 15.18 फीसदी पर आ गई है, जो पिछले महीने में तीन दशक के उच्च स्तर 15.88 फीसदी फीसदी पर थी. जून में थोक महंगाई का आंकड़ा रॉयटर्स पोल में 15.50 फीसदी के अनुमान से कम देखने को मिला है. 

 

 

 

 

वहीं जून 2021 में थोक महंगाई 12.07 फीसदी से ज्यादा देखने को मिली है. खाद्य पदार्थों की कीमतें एक साल पहले जून में 14.39 फीसदी बढ़ीं, जबकि फ्यूल और बिजली की कीमतों में 40.38 फीसदी की वृद्धि हुई. इस बीच, विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में 9.19 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. 

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इससे पहले आए खुदरा महंगाई के आंकड़ें जून में लगातार छठे महीने भारतीय रिजर्व बैंक के टॉलरेंस लेवल के शीर्ष छोर से ऊपर रहे. जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति पिछले महीने के 7.04 फीसदी से थोड़ा कम होकर 7.01 फीसदी रही. वैश्विक जिंस कीमतों में नरमी ने जहां कुछ आराम दिया है, वहीं कमजोर रुपये के बीच भारत के सामने अमेरिकी मंदी का खतरा नया जोखिम है. रुपये की गिरावट के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार और केंद्रीय बैंक ने कई उपाय किए हैं.

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Wholesale Inflation: Relief in wholesale inflation to common people due to softening in edible oil, crude oil
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एडिबल ऑयल और क्रूड ऑयल में नरमी से आम लोगों को थोक महंगाई में राहत
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Wholesale Inflation:  एडिबल ऑयल और क्रूड ऑयल में नरमी से आम लोगों को थोक महंगाई में राहत