यूपीआई से पेमेंट (UPI Payments) करना बेहद आसान है और कोविड महामारी के बाद ऑनलाइन पेमेंट काफी बढ़ा है. यूपीआई पेमेंट पर चार्ज लगाने के लिए फिनटेक कंपनियों पर दबाव बढ़ता जा रहा है. पेटीएमस पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) पर रोक लगाने के बाद से फोनपे और गूगलपे जैसी फिनटेक कंपनियों की चिंता बढ़ गई है. फिलहाल सरकार ने चार्ज लेने की योजना को खारिज कर दी है, लेकिन ये फिनटेक कंपनियां बार-बार अपने नुकसान का हवाला दे रही हैं. आइए आसान शब्दों में समझते हैं कि यह पूरा मामला क्या है.
पेटीएम पेमेंट बैंक पर लगी पाबंदी की वजह से PhonePe और Google Pay अब मार्केट में दो लीडिंग फिनटेक कंपनियां हैं. भारत के यूपीआई (UPI) मार्केट पर इन्हीं दो यूपीआई पेमेंट ऐप का कब्जा हो रहा है. एक बार फिर से कंपनियों ने अपने नुकसान का हवाला दिया है, लेकिन सरकार ने यूपीआई से पेमेंट पर किसी तरह का चार्ज वसूलने से इनकार कर दिया है.
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फिनटेक कंपनियों ने नुकसान को लेकर जताई चिंता
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक, फिनटेक कंपनियों ने सरकार के सामने यूपीआई में रेवेन्यू की कमी पर चिंता जाहिर की है. उनका कहना है कि लंबे वक्त तक मार्केट में बने रहने के लिए मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) के साथ क्रेडिट कार्ड जैसे सिस्टम की जरूरत है. कंपनियों ने दावा किया है कि जीरो एमडीआर मॉडल से फायदा नहीं हो रहा है.
NPCI ने अभी नहीं दिया है कोई निर्देश
कुछ फिनटेक कंपनियों की NPCI के साथ प्रीपेड पेमेंट डिवाइस से होने वाले यूपीआई पेमेंट पर पर शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया है और उस पर चर्चा हुई है. हालांकि, इस मामले में अब तक सरकार का स्पष्ट स्टैंड है कि यूपीआई पेमेंट पर चार्च नहीं लिया जाना चाहिए. NPCI ने इस मामले में कोई भी बयान नहीं दिया है.
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UPI पेमेंट अब नहीं होगा फ्री? PhonePe, GPay और सरकार के बीच टकराव