Zakir Hussain: भारत के महान तबला वादक और 'वाह ताज' के जादूगर, उस्ताद जाकिर हुसैन का आज निधन हो गया. सोमवार सुबह सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. 73 वर्षीय जाकिर हुसैन की मृत्यु की खबर से संगीत और कला प्रेमियों के बीच शोक की लहर है. उनकी असाधारण प्रतिभा और अनूठी शैली ने न केवल संगीत बल्कि विज्ञापन की दुनिया में भी अमिट छाप छोड़ी. 

'वाह ताज' का जन्म और ताजमहल चाय की सफलता
1966 में कोलकाता से शुरू हुए ब्रुक बॉन्ड ताजमहल चाय ब्रांड को घर-घर तक पहुंचाने का श्रेय जाकिर हुसैन को जाता है. शुरुआत में यह ब्रांड ‘आह ताज’ टैगलाइन पर केंद्रित था, लेकिन इसका जुड़ाव भारतीय संस्कृति से कमजोर था. जब हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ने इसे फिर से ब्रांडिंग करने का फैसला लिया, तो जाकिर हुसैन को इसके चेहरे के रूप में चुना गया. उनकी कला, व्यक्तित्व, और आधुनिकता का संगम ताजमहल चाय के तीन अहम पहलुओं रंग, खुशबू, और स्वाद  के लिए बिल्कुल उपयुक्त था. 

आगरा में शूट हुआ ऐतिहासिक विज्ञापन
ताजमहल चाय का पहला ऐतिहासिक विज्ञापन आगरा के विश्व प्रसिद्ध ताजमहल के सामने शूट किया गया. जाकिर हुसैन अपने तबले की थाप पर चाय का आनंद लेते नजर आते हैं. जब उनकी कला की प्रशंसा में कहा जाता है, वाह, उस्ताद वाह!' तो वे मुस्कुराते हुए जवाब देते हैं, 'अरे हुजूर, वाह ताज बोलिए.' यह वाक्य भारतीय चाय प्रेमियों के बीच ऐसा लोकप्रिय हुआ कि ताजमहल चाय की पहचान बन गया. 

जाकिर हुसैन का तबला और भारतीय बाजार में क्रांति
इस विज्ञापन ने ताजमहल चाय को प्रीमियम ब्रांड के रूप में स्थापित कर दिया. जाकिर हुसैन की तबले की थाप और उनकी परफेक्शन ने इस ब्रांड को ऐसा ऊंचा मुकाम दिलाया, जो आज भी याद किया जाता है. यह ऐड सिर्फ चाय का प्रचार नहीं था, बल्कि एक सांस्कृतिक अनुभव था जिसने भारतीय बाजार में क्लासिकल म्यूजिक को मुख्यधारा में लाने में मदद की. 


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एक महान कलाकार को श्रद्धांजलि
जाकिर हुसैन ने तबला वादन को जिस ऊंचाई तक पहुंचाया, वह शदियों में ही देखने को मिलता है. उनके जाने से संगीत और कला की दुनिया में एक गहरी खाई आ गई है. हालांकि, उनका कला के क्षेत्र में उनका योगदान हमेशा जिंदा रहेगा.  ताजमहल चाय और ‘वाह ताज’ का उनका जादू आने वाली पीढ़ियों को उनकी कला की याद दिलाता रहेगा.  उनके निधन से कला, संगीत, और मार्केटिंग की दुनिया ने एक अनमोल रत्न खो दिया है. 

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tabla maestro zakir hussain and their beat in the magic of wah taj ustaad Who changed the history of advertisement market and classical music in india
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तबले की थाप और ‘वाह ताज’ का जादू! जब उस्ताद जाकिर हुसैन ने बदल दिया था मार्केटिं
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Zakir Hussain: तबले की थाप और ‘वाह ताज’ का जादू! जब उस्ताद जाकिर हुसैन ने बदल दिया था मार्केटिंग का इतिहास
 

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