डीएनए हिंदी: सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेवानिवृत्ति की तारीख से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने वाले कर्मचारी, सेवानिवृत्ति की उम्र पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त होने वालों के साथ समानता का दावा नहीं कर सकते हैं. बता दें कि बंबई उच्च न्यायालय में VRS को लेकर याचिका चल रही थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी आई है.
VRS के लिए याचिका
कुछ कर्मचारियों ने VRS को लेकर याचिका दायर की थी. दरअसल ये कर्मचारी वेतनमान में संशोधन के लाभ से वंचित रह गए थे. न्यायमूर्ति अनिरुद्ध bos और न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट्ट की बेंच ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य वित्तीय निगम (MSFC) के जिन कर्मचारियों ने VRS का लाभ लिया और अपनी इच्छा से नौकरी को छोड़ दिया. बेंच ने कहा कि, “यह माना जाता है कि वीआरएस लेने वाले कर्मचारी ऐसे लोगों के साथ समानता का दावा नहीं कर सकते हैं जो कार्यकाल पूरा करने के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं. वे उन लोगों के साथ समानता का दावा नहीं कर सकते हैं, जिन्होंने लगातार काम किया, अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया और उसके बाद सेवानिवृत्त हुए.”
यह भी पढ़ें:
LIC Dhan Varsha: 10 साल के लिए हर महीने 1597 रुपये का करें निवेश, मिलेगा 93 लाख रुपये का फंड
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
VRS पर सुप्रीम कोर्ट ने कही बड़ी बात, बोला- समान अधिकारों का नहीं कर सकते दावा