डीएनए हिंदी: मौजूदा समय में हो रही बेमौसम बारिश की वजह से सोयाबीन की फसल को नुकसान (Soybean Crop Damaged) के बावजूद कीमतों में कमजोरी देखने को मिल रही है. उत्पादन और पिछला बकाया स्टॉक ज्यादा होने की वजह से सोयाबीन की कीमतों में गिरावट (Soybean Price Fall) जारी रहने की आशंका है. जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में हाजिर बाजार में सोयाबीन का भाव लुढ़ककर 4,500 रुपये प्रति क्विंटल के निचले स्तर तक भी पहुंच सकता है. जानकारों ने प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्यों (Soybean Producer States) मध्य प्रदेश और राजस्थान में बेमौसम बारिश के चलते सोयाबीन की करीब 0.34 मिलियन मीट्रिक टन फसल बर्बाद होने का अनुमान लगया है. एक अनुमान के अनुसार देश में करीब 1539 करोड़ रुपये की फसल बर्बाद हो चुकी है. अब सवाल यह है कि कीमत कम होने के बाद त्योहारी सीजन में खाने का तेल सस्ता होगा?

मध्यप्रदेश में कितना हुआ नुकसान 
ओरिगो ई-मंडी के असिस्टेंट जनरल मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) तरुण सत्संगी के मुताबिक देश के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश की वजह से 1,92,000 मीट्रिक टन सोयाबीन की फसल खराब हो चुकी है. उनका कहना है कि प्रदेश में इंदौर, सागर, मंदसौर, नीमच और रायसेन जिलों के कुछ इलाकों में सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचने की सूचना है. तरुण सत्संगी कहते हैं कि मध्य प्रदेश की कुल फसल का करीब 4 फीसदी जो कि 1,92,000 मीट्रिक टन के आस-पास बनता है, नष्ट हो चुका है. इंदौर में किशनगंज, नीमच में कवाई, रायसेन में शाहबाद और सकटपुर, मंदसौर में नाहरगढ़ और सागर में बारा और करबाना में सोयाबीन की फसल को सबसे ज्यादा क्षति पहुंची है. 

Gold Silver Price Today: चीन में लॉकडाउन का असर, चांदी एक हजार रुपये डूबी, जानें क्नेक्शन  

राजस्थान में भी फसल बर्बाद 
वहीं राजस्थान की बात करें तो तरुण सत्संगी का कहना है कि राजस्थान में बेमौसम बारिश के चलते 1,50,000 मीट्रिक टन सोयाबीन की फसल खराब हो चुकी है. उनका कहना है कि राजस्थान में मुख्य रूप से हाड़ौती क्षेत्र- बूंदी, बारां, झालावाड़ और कोटा में सोयाबीन की बुआई की जाती है. राजस्थान में इन चार जिलों की सोयाबीन उत्पादन में 75 फीसदी हिस्सेदारी है. तरुण कहते हैं कि हमारे शुरुआती आकलन के मुताबिक इन इलाकों में 1,50,000 मीट्रिक टन या 675 करोड़ रुपये के सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचा है और कोटा जिले में सोयाबीन की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान करीब 20 से 25 फीसदी तक हुआ है.

तीन दिनों से हर घंटे बाजार निवेशकों को हो रहा है 8 हजार करोड़ रुपये का नुकसान, समझें कैलकुलेशन

फसल बर्बाद होने के बाद भी 
तरुण सत्संगी के मुताबिक जून 2022 के बाद से सोयाबीन में जारी गिरावट के रुख में फिलहाल कोई भी बदलाव होता हुआ नहीं दिखाई पड़ रहा है. उनका कहना है कि करीब 0.34 मिलियन मीट्रिक टन फसल बर्बाद होने के बावजूद फसल वर्ष 2022-23 में सोयाबीन का उत्पादन 12.14 मिलियन मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जो कि पिछले साल के 11.95 मिलियन मीट्रिक टन के उत्पादन से 1.6 फीसदी ज्यादा है. तरुण कहते हैं कि हमने पूर्व में फसल वर्ष 2022-23 के लिए अपने प्रारंभिक उत्पादन अनुमान में सोयाबीन का उत्पादन 12.48 मिलियन मीट्रिक टन होने का अनुमान जारी किया था, जिसमें मौजूदा हालात को देखते हुए कटौती कर दी है.

Petrol Diesel Price October 12, 2022: दो दिनों में चार फीसदी से ज्यादा सस्ता हुआ क्रूड ऑयल, देखं फ्यूल के फ्रेश प्राइस 

सामान्य स्टॉक से 4 गुना ज्यादा 
तरुण सत्संगी कहते हैं कि फिलहाल देश में सोयाबीन का 3.25 मिलियन मीट्रिक टन से ज्यादा का पिछला बकाया स्टॉक है जो कि फसल वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) की शुरुआत में सामान्य स्टॉक से 4 गुना अधिक के स्तर पर है. उनका कहना है कि किसानों ने ज्यादा मुनाफे की उम्मीद ना सिर्फ सोयाबीन का स्टॉक अपने पास रखा था, बल्कि सरसों का स्टॉक भी रखा हुआ था, लेकिन दुर्भाग्य से किसानों की यह रणनीति उनके पक्ष में काम नहीं आई. वहीं दूसरी ओर सरसों के उत्पादन का आधा हिस्सा जो कि किसानों और स्टॉकिस्ट के पास है, अभी भी बाजार में नहीं आया है और सरसों की बुआई अक्टूबर के आखिर या नवंबर 2022 की शुरुआत तक गति पकड़ लेगी. 

Diwali 2022: भारतीय रेलवे चलाएगा स्पेशल ट्रेनें, यहां देखें डिटेल

4,500 रुपये प्रति क्विंटल जा सकता है सोयाबीन 
ऐसे में अगर इस रबी सीजन में सरसों की बुआई ज्यादा होती है तो पुराने स्टॉक के साथ-साथ ज्यादा बुआई भी बाजार के आउटलुक को नकारात्मक करने का अहम कारण बन जाएगी. तरुण सत्संगी के मुताबिक जब तक सोयाबीन का भाव 5,390 रुपये प्रति क्विंटल के नीचे कारोबार कर रहा है तब तक इंदौर हाजिर बाजार में सोयाबीन की कीमतों में गिरावट का रुख बना रहेगा. उनका कहना है कि धीरे-धीरे सोयाबीन का भाव लुढ़ककर 4,500 रुपये प्रति क्विंटल के निचले स्तर तक भी पहुंच सकता है.

Jeevan Pramaan Patra: इन 6 ऑनलाइन तरीकों से पेंशनर्स सब्मिट कर सकते हैं लाइफ सर्टिफिकेट 

क्या सस्ता होगा सोयाबीन ऑयल?
तरुण सत्संगी के अनुसार मौजूदा फेस्टिव सीजन में सोयाबीन ऑयल के सस्ता होने के कोई आसार नहीं है, लेकिन दाम में इजाफा भी नहीं होगा, इसकी पूरी उम्मीद है. उन्होंने कहा कि फेस्टिव सीजन खत्म होने के बाद यानी अगले महीने में इसकी उम्मीद की जा सकती है, लेकिन सोयाबीन ऑयल कितना सस्ता होगा इसका कोई अभी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Soybean Crop is damaged due to unseasonal rains, yet price falls, will edible oil be cheaper?
Short Title
बेमौसम बारिश से सोयाबीन को नुकसान, कीमत में गिरावट, क्या सस्ता होगा खाने का तेल?
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
soyabean Crop damaged
Date updated
Date published
Home Title

बेमौसम बारिश से सोयाबीन फसल को नुकसान, फिर भी कीमत में गिरावट, क्या सस्ता होगा खाने का तेल?