डीएनए हिंदी: सरकार द्वारा पेट्रोल निर्यात पर लेवी को समाप्त करने फ्यूल पर लगाए टैक्स को कम करने के बाद शेयर बाजार (Share Market) में अच्छी तेजी देखने को मिली. आज बाजार लगातार चौथे दिन तेजी के साथ बंद हुआ. जिसकी वजह से चार दिनों में निवेशकों की झोली में 7 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा गिरे. 20 जुलाई यानी आज बीएसई सेंसेक्स (Sensex) 630 अंक यानी 1.15 प्रतिशत बढ़कर 55,398 पर और एनएसई का निफ्टी 50 (Nifty 50) 180 अंक या 1.10 प्रतिशत की तेजी के साथ 16,521 पर बंद हुआ. तकनीकी रूप से, निफ्टी 50 ने 16,521 इंट्राडे के 200-दिन के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (डीईएमए) को पार कर लिया. यदि एक्सचेंज 200-डीईएमए को बनाए रखता है, तो निफ्टी 17,000 की ओर बढ़ सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आज शेयर बाजार में तेजी के प्रमुख कारण कौन से रहे.
विंडफॉल टैक्स में कटौती
शेयर बाजार में तेजी की सबसे बड़ी वजह सरकार की ओर से विंडफॉल टैक्स में कटौती करना था. जिसकी वजह से रिलायंस और ओएनजीसी के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. बाजार बंद होने के बाद रिलायंस करीब ढाई फीसदी की तेजी के साथ 2501.40 रुपये पर बंद हुआस. वहीं दूसरी ओएनजीसी का शेयर कारोबारी सत्र के दौरान 7 फीसदी तक उछला और 3.71 फीसदी की तेजी के साथ 132.65 रुपये पर बंद हुआ. आपको बता दें कि सरकारी अधिसूचना के अनुसार, केंद्र ने डीजल और विमानन फ्यूल शिपमेंट पर 2 रुपये प्रति लीटर की कमी की और गैसोलीन निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर लेवी को पूरी तरह से समाप्त कर दिया. इसने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर कर में लगभग 27 फीसदी की कटौती करके 17,000 रुपये प्रति टन कर दिया. सरकार ने 1 जुलाई को तेल उत्पादकों और रिफाइनर पर अप्रत्याशित कर लगाया था, जिससे तेल और गैस शेयरों में तेजी से गिरावट आई थी.
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बेंचमार्क इंडेक्स में अच्छी तेजी
बीएसई का मार्केट कैप 14 जुलाई को 250.65 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 258.08 लाख करोड़ रुपये हो गया. बीएसई सेंसेक्स ने 2,000 अंकों से ज्यादा और निफ्टी 50 में चार सीधे दिनों में लगभग 600 अंकों का इजाफा देखने को मिला है. निफ्टी मिडकैप 100 लगभग 900 अंक चढ़ गया. इसी अवधि के दौरान स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 300 अंक से अधिक उछला.
बेहतर वैश्विक संकेत
वैश्विक मोर्चे पर, वॉल स्ट्रीट पर रातोंरात 2.4-3 प्रतिशत रन-अप के बाद एशियाई शेयर बाजार उच्च स्तर पर चढ़ गए. जापान का निक्केई 225 एवरेज 2.67 प्रतिशत बढ़ा, एशियाई सूचकांकों में सबसे बड़ा लाभ हुआ, इसके बाद ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 (1.65 प्रतिशत ऊपर), हांगकांग का हैंग सेंग (1.1 प्रतिशत), चीन का शंघाई कम्पोजिट (0.77 प्रतिशत), और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.67 प्रतिशत ऊपर रहा. चीन ने जुलाई में बेंचमार्क ब्याज दरों पर यथास्थिति बनाए रखी है, जिसमें एक साल के लोन की प्रमुख दर 3.7 प्रतिशत और पांच साल की लोन प्रमुख दर को 4.45 प्रतिशत पर रखा गया है, जो कि काफी हद तक बाजार के अनुमानों के अनुरूप था. ब्रिटेन का एफटीएसई आधा फीसदी, जर्मनी का डीएएक्स और फ्रांस का सीएसी एक फीसदी के करीब पांच फीसदी चढ़ा.
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विदेशी निवेशकों की खरीदारी
वहीं लगातार अपना पैसा निकाल रहे विदेशी निवेशकों ने लगातार दूसरे दिन शेयर बाजार में निवेश किया. अमेरिकी डॉलर सूचकांक के ठंडा होने के बाद इस महीने चार सत्रों में एफआईआई खरीदार रहे हैं (108.5 से 106.66 के स्तर पर), हालांकि उनकी शुद्ध बिक्री जुलाई के लिए 9,300 करोड़ रुपये थी, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) द्वारा 8,100 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीद की गई थी.
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चार दिनों में Share Market Investors को हुई 7 लाख करोड़ से ज्यादा की कमाई