भारतीय बाजार नियामक सेबी (SEBI) चीफ माधबी पुरी बुच की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. अमेरिका की रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अब न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बड़ा खुलासा किया है. रॉयटर्स ने दावा किया कि माधबी पुरी बुच ने अपने 7 साल के कार्यकाल में एक कंसल्टेंसी फर्म से रेवेन्यू कमाना जारी रखा. इतना ही नहीं उनकी कंसल्टेंसी फर्म और ऑडिट करने वाली ऑडिटर फर्म का पता एक ही है.
रिपोर्ट में दावा किया गया कि जो ऑडिटर माधबी पुरी बुच की फर्म का फाइनेंशियल रिव्यू करते थे, उसका एड्रेस इसी कंपनी के पते पर रजिस्टर है. बुच की कंपनी अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड का ऑडिट शाह एंड साव्ला LLP के पास था. जिसका एड्रेस मुंबई के घाटकोपर इलाके का दिखाया गया है और ऑफिस नंबर 201 का ही जिक्र है अगोरा एडवाइजरी का पता भी यही है. ऐसे में धांधली का मामला साफ दिख रहा है.
अगोरा एडवाइजरी की बैलेंस शीट शामिल
इस रिपोर्ट में जिन कागजात को लेकर जिक्र किया गया है, वो रजिस्टरार ऑफ कंपनीज में पंजीकृत हैं. इनमें अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड की बैलेंस शीट भी शामिल है. हालांकि, माधबी बुच 2017 में सेबी से जुड़ने से पहले इन कंपनियों से अलग हो चुकी थीं. फिलहाल उनके पति धवल बुच इनमें डायरेक्टर हैं. लेकिन जिस तरह से हिंडनबर्ग रिसर्च में खुलासे किए गए हैं, उसने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
हिंडनबर्ग ने सिंगापुर कंपनी के रिकॉर्ड के आधार पर दावा किया कि मादबी पुरी बुच ने अगोरा पार्टनर्स की अपनी पूरी हिस्सेदारी को मार्च 2022 में अपने पति के नाम ट्रांसफर कर दिया था, लेकिन उनकी इंडियन कंसल्टेंसी फर्म में हिस्सेदारी थी.
SEBI के इस्तीफे की मांग
कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने बुधवार को कहा कि वह SEBI की प्रमुख माधवी बुच के खिलाफ ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ के आरोपों को लेकर प्रदर्शन करेगी. पार्टी उन्हें पद से हटाने और अडाणी मुद्दे की जांच के लिए JPC गठित करने की मांग करेगी. विरोध प्रदर्शन गुरुवार को जंतर-मंतर पर किया जाएगा.इससे पहले कांग्रेस ने कहा था कि वह इस मामले की जेपीसी जांच कराने की आवश्यकता को रेखांकित करने के लिए बुधवार को देशभर में 20 प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी.
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SEBI चीफ माधबी पुरी बुच की मुश्किलें बढ़ीं, अब कंसल्टेंसी और ऑडिटर फर्म को लेकर नया खुलासा