डीएनए हिंदीः भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने अपनी प्रमुख उधार दर को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 5.90 फीसदी कर दिया, जो तीन साल के हाई पर पहुंच गए हैं. मई में 40 आधार अंकों की वृद्धि और जून और अगस्त में दोनों महीनों में 50-50 आधार अंकों की वृद्धि के बाद यह लगातार चौथी बार वृद्धि है. कुल मिलाकर, आरबीआई ने डॉमेस्टि रिटेल महंगाई (Retail Inflation) को शांत करने के लिए मई से बेंचमार्क दर में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि की है, जो कि केंद्रीय बैंक के टॉलरेंस लेवल 6 प्रतिशत से ऊपर रही है.

दिसंबर में 0.35 फीसदी का हो सकता है इजाफा  
कोटक महिंद्रा बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज ने रायटर को बताया रेपो रेट में 50 बीपीएस की बढ़ोतरी हमारी उम्मीदों के अनुरूप है. वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों को देखते हुए, हम रुपये पर दबाव से सावधान रहते हैं और इसलिए लगातार दरों में बढ़ोतरी की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमें दिसंबर की पॉलिसी में एमपीसी में 35 बीपीएस की बढ़ोतरी की उम्मीद है. हालांकि, महंगाई वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में 6 फीसदी की सीमा कं अंदर रहने की उम्मीद है. 

RBI MPC Meet: लगातार चौथी बार बढ़ा ईएमआई का बोझ, रेपो दरों में 0.50 फीसदी का इजाफा

महंगा हो जाएगा कर्ज 
स्थायी जमा सुविधा और सीमांत स्थायी सुविधा की दरें भी 50 आधार अंक बढ़ाकर क्रमशः 5.65 प्रतिशत और 6.15 प्रतिशत कर दी गईं. बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा कि महंगाई के दबाव, यूक्रेन संघर्ष और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सूक्ष्म आर्थिक अनिश्चितताओं जैसे कारकों के कारण बढ़ोतरी जरूरी हो गई है. उन्होंने कहा कि रेपो दरों में नवीनतम बढ़ोतरी से मौजूदा और नए कर्जदारों के लिए फंडिंग महंगी हो जाएगी. मौजूदा कर्जदारों के लिए फ्लोटिंग दरों पर सभी घर, कार, पर्सनल और एजुकेशन लोन महंगे हो जाएंगे.

महंगाई अनुमान में नहीं किया बदलाव 
खाद्य लागत में वृद्धि के कारण, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वार्षिक खुदरा महंगाई दर पिछले महीने बढ़कर 7 प्रतिशत हो गई और तब से लगातार आठ महीनों के लिए आरबीआई के वैधानिक 2-6 प्रतिशत लक्ष्य स्तर से ऊपर है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति के लगभग 6 प्रतिशत के ऊपर रहने की उम्मीद है. जिससे पता चलता है कि कीमतों का दबाव पहले की अपेक्षा अधिक समय तक बना रहेगा. आरबीआई ने इस वित्तीय वर्ष के लिए अपने मुद्रास्फीति अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा, केंद्रीय बैंक ने 2022-23 वित्तीय वर्ष के लिए अपने आर्थिक विकास अनुमान को 7.2 प्रतिशत के पहले के अनुमान से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया.

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RBI MPC Meet: Interest rates reached a 3-year high, may increase again in December
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3 साल की ऊंचाई पर पहुंची ब्याज दरें, दिसंबर में फिर हो सकता है इजाफा 
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3 साल की ऊंचाई पर पहुंची ब्याज दरें, दिसंबर में फिर हो सकता है इजाफा