डीएनए हिंदीः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक (RBI MPC Meet) आज खत्म हो गई. एमपीसी मेंबर्स ने लगातार चौथी बार रेपो रेट में इजाफा करने का ऐलान कर दिया है. खास बात तो ये है कि लगातार तीसरी बार रेपो रेट (RBI Repo Rate) में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी का ऐलान हुआ है. जिसके बाद नीतिगत ब्याज दरें 5.90 फीसदी हो गई हैं. इस साल नीतिगत ब्याज दरों में 1.90 फीसदी इजाफा देखने को मिल चुका है. मतलब है कि अब देश के लोगों की रिटेल लोन की ईएमआई में इजाफा (Retail Loan EMI Hike) हो जाएगा.
आपको बता दें कि देश में रिटेल महंगाई 7 फीसदी से ज्यादा हो गई है. जिसकी वजह से रेपो रेट में इजाफा किया गया है. इससे पहले अमेरिकी फेड ने भी महंगाई पर काबू पाने के लिए लगातार तीसरी बार 75 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी. जिसके बाद आरबीआई की पर भी काफी दबाव बढ़ गया है. वहीं रुपया भी डॉलर के मुकाबले ऑल टाइम लो पर पहुंच गया है.
RBI Governor Shaktikanta Das announces that RBI "increases the policy repo rate by 50 basis points to 5.9% with immediate effect." pic.twitter.com/YpDjOVsgus
— ANI (@ANI) September 30, 2022
पांच महीनों में ब्याज दरों में 5.90 फीसदी का इजाफा
RBI की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर में 50 आधार अंकों की वृद्धि की. पिछले 5 महीनों में, रेपो रेट में 190 बीपीएस की वृद्धि देखी गई (अप्रैल में यह 4% थी, और अब यह 5.90% है). आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कहते हैं, "वैश्विक बाधाओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है, जिसमें वैश्विक मंदी की आशंका बढ़ रही है, मुद्रास्फीति अधिक है." वहीं दूसरी ओर आरबीआई गवर्नर ने रिवर्स रेपो में कोई बदलाव नहीं किया है. यह तब से 3.35 फीसदी बना हुआ है. वहीं बैंक रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा होने के बाद 6.15 फीसदी पर आ गया है. इससे पहले यह 5.65 फीसदी पर आ गया था. वहीं एमएसएफ में 0.50 फीसदी का इजाफा किया गया है और दरें 6.15 फीसदी पर आ गई हैं.
वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 6 फीसदी रह सकती है महंगाई
शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक जिंस कीमतों में हालिया सुधार, अगर जारी रहता है, तो आने वाले महीनों में लागत दबाव कम हो सकता है. दास ने कहा, कि आज महंगाई 7 फीसदी के आसपास मंडरा रही है और हमें उम्मीद है कि साल की दूसरी छमाही में यह 6 फीसदी पर बनी रहेगी. शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 के लिए महंगाई अनुमान 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा गया था. खाद्य कीमतों का दबाव नियंत्रित रहने की उम्मीद थी. जिंसों, धातुओं की कीमतों में गिरावट के साथ बिकवाली कीमतों में गिरावट आ सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि खाद्य कीमतों में तेजी का जोखिम बना हुआ है, और मानसून की देरी से वापसी सब्जियों की कीमतों को प्रभावित कर रही है.
क्या है जीडीपी का अनुमान
आरबीआई गवर्नर ने जीडीपी का अनुमान लगाते हुए कहा कि दूसरी तिमाही में 6.3 फीसदी पर रह सकती है. वहीं तीसरी तिमाही में ग्रोथ अनुमान 4.6 फीसदी रखा है. वहीं चौथी तिमाही में इसी आंकड़ें पर अनुमान लगाया गया है. वहीं पूरे वित्त में वर्ष में जीडीपी 7 फीसदी रह सकती है, जिसमें 0.2 फीसदी की कमी की गई है.
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RBI ने फिर दिया झटका, रेपो रेट में किया इजाफा, अब और महंगा होगा होम लोन