डीएनए हिंदीः केरल राज्य के कृषि निदेशक ने राज्य स्तरीय बैंकर्स सम्मेलन (एसएलबीसी) के संयोजक को लिखे पत्र में कहा कि केंद्र सरकार (Central Government) ने आदेश दिया है कि अपात्रों और इनकम टैक्सपेयर्स को भेजे गए धन को पूरी तरह से वसूल किया जाना चाहिए और आगे पीएम-किसान (PM Kisan Yojana) को वापस किया जाना चाहिए. राज्य के कृषि निदेशक द्वारा प्रदान की गई सूची में उल्लेख किया गया है कि 21,018 इनकम टैक्सपेयर्स से 18.8 करोड़ रुपये की वसूली की जानी है, जबकि 9,398 अन्य अपात्र लोगों से 12.24 करोड़ रुपये वापस लेने हैं. केरल में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के 3 साल पूरे हो गए हैं और वर्तमान में राज्य में 37.2 लाख रजिस्टर्ड लाभार्थी हैं.
30,416 अपात्र लाभार्थियों को मान्यता दी गई
कृषि निदेशक ने कहा कि पिछले 3 वर्षों में 5,600 करोड़ रुपये रजिस्टर्ड लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा ‘डाटाबेस की निरंतर जांच’ के बाद 30,416 अपात्र लाभार्थियों को मान्यता दी गई है. अप्रैल में एक पत्र में, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एसएलबीसी को मानक संचालन प्रक्रिया में निर्देशों का पालन करने और अपात्र लाभार्थियों को हस्तांतरित धन की वसूली में मदद करने के लिए कहा था.
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किन लोगों को नहीं मिल सकती है सुविधा
कृषि निदेशक ने यह भी कहा कि सरकार को रिफंड मिल रहा था, लेकिन प्रक्रिया धीमी थी और इसलिए केंद्र ने बैंकों से अपात्र लोगों के खातों से राशि सीधे वापस करने को कहा. पीएम किसान के तहत, आयकर दाता, संवैधानिक पदों पर बैठे किसान, राज्य या केंद्र सरकार के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी और 10,000 रुपये से अधिक की मासिक पेंशन पाने वाले लोग 6000 रुपये की वित्तीय सहायता नहीं ले सकते हैं.
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